पिता को फिर से जिंदा करने के लिए देना चाहती थी 2 माह के मासूम की बलि, गिरफ्तार
तंत्र-मंत्र और बलि के लिए मासूम का किया गया अपहरण. पहले बच्चे की मां को कोल्ड ड्रिंक में नशा पिलाकर किया गया बेहोश और गाड़ी से बच्चे की मां को ले जाकर गाजियाबाद में फेंका. बच्चे को ले गई साथ.
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में एक बच्चे का अपहरण करने का मामला सामने आया है. बच्चे का अपहरण बलि देने के लिए कर लिया गया. इस मामले में एक महिला को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. महिला का नाम श्वेता है जो कोटला मुबारकपुर की रहने वाली है और 9वीं पास है. दक्षिण पूर्वी दिल्ली के थाना अमर कॉलोनी की पुलिस ने महिला की गिरफ्तारी की है. 2 महीने के इस बच्चे का अपहरण बुधवार को किया गया था.
लेकिन, इस मामले में दिल्ली पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. क्योंकि वक्त रहते हुए दिल्ली पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है. मगर इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि तंत्र-मंत्र और बलि के लिए बच्चे का अपहरण किया गया था. पुलिस के मुताबिक आरोपी को पकड़ने के लिए एक टीम गठित की गई थी. पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि सफदरजंग अस्पताल में उसकी मुलाकात एक महिला से हुई थी जो वहां पर जच्चा-बच्चा की देखभाल में कार्यरत होने का दावा कर रही थी.
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आरोपी महिला ने बच्चे की मां को कहा था कि वह मुफ्त में दवा और परामर्श देगी, लेकिन बहाने से उसने बच्चे का अपहरण कर लिया था. बच्चे को स्विफ्ट गाड़ी में अगवा किया गया था. बच्चे की मां को कोल्ड ड्रिंक में नशा पिलाकर बेहोश कर दिया गया था. गाड़ी में ही बच्चे की मां को ले जाकर गाजियाबाद में फेंक दिया गया, जिसके बाद पीड़ित महिला ने पुलिस को जानकारी दी. पुलिस ने सभी CCTV फुटेज खंगाले और गाड़ी का नंबर पता लगाया जिसके आधार पर पुलिस ने दिल्ली के कोटला मुबारकपुर से आरोपी महिला श्वेता को गिरफ्तार कर लिया है जिसकी उम्र 25 साल है.
आरोपी महिला ने पूछताछ में बताया कि अक्टूबर 2022 में उसके पिता की मौत हो गई थी. महिला किसी तंत्र-मंत्र के चक्कर में फस गई थी और उसको पता चला था कि बच्चे की बलि देकर अपने पिता को पुनर्जीवित कर सकती है. इसी अंधविश्वास में उसने नवजात बच्चे का अपहरण करने की योजना बनाई और सफदरजंग अस्पताल गई. जहां पर उसने बच्चे की मां को झांसे में लेकर बच्चे का अपहरण कर लिया. हालांकि, अच्छी बात यह है कि पुलिस ने 2 महीने के मासूम को महिला के चंगुल से आजाद करा कर बली होने से रोक लिया.