आरती राय/नई दिल्ली : कहते हैं कि इंसान जीने के लिए खाता है. वहीं दुनियाभर में बहुत बड़ी संख्या में लोग खाने के लिए भी जीते हैं. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि थाली में जरूरत से ज्यादा खाना परोसकर और फिर उसे छोड़ देने जैसी प्रवृत्ति से सालाना लाखों टन खाना और अनाज बर्बाद हो जाता है. इसके विपरीत दुनिया में ऐसे लोग भी हैं जो न जानें कितने दिन बिना खाए ही सोते हैं. 


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भारत में प्रति व्यक्ति हर साल औसतन 50 किलो तक खाना बर्बाद होता है. ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं. जिस देश की जितनी बड़ी जनसंख्या, उतनी ज्यादा  खाने की बर्बादी. खाने की बर्बादी के मामले में चीन के बाद भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है .


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190 मिलियन भारतीय कुपोषित
पर्याप्त खाद्य सुरक्षा के बावजूद यूनाइटेड नेशन के आंकड़े बताते हैं कि लगभग 190 मिलियन भारतीय कुपोषित हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के घरों में हर साल लगभग 68.7 मिलियन टन खाना बर्बाद होता है. इस तरह भारत में लगभग ₹92,000 करोड़ रुपये का खाना हर साल बर्बाद कर  दिया जाता है.


हर साल 68,760,163 टन खाना हो जाता है बर्बाद 
United Nations Environment Program (UNEP)और सहयोगी संगठन WRAP Food Waste Index Report 2021 के मुताबिक 2019 में लगभग 931 मिलियन टन खाद्य सामग्री बर्बाद हुई है. जिसमें से 61% घरों में, 26 % Food Service और खुदरा से 13 % हुई. आंकड़ों पर ध्यान दे तो ये भी पता चलता है कि अनुमानित तौर पर भारत में हर व्यक्ति सालाना लगभग 50 किलोग्राम तक खाना बर्बाद कर देता है. देश में खाने की बर्बादी का आंकड़ा सालाना 68,760,163 टन तक पहुंच चुका है.


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बात करें दुनिया के दूसरे देशों की तो अमेरिका में एक व्यक्ति सालाना तकरीबन 59 किलोग्राम खाना बर्बाद कर देता है या यूं कहें कि अमेरिका जैसे डेवलप्ड कंट्री में भी सालाना 19,359,951 टन खाना या खाने वाला सामान बर्बाद हो जाता है. इस लिस्ट में शुमार नंबर वन देश चीन की बात करें तो इस देश में लगभग एक साल में 64 किलोग्राम तक एक व्यक्ति खाना नष्ट कर देता है. यहां सालाना लगभग 91,646,213 टन तक खाना बर्बाद कर दिया जाता है.


उपज का एक तिहाई हो जाता है बर्बाद 
क्या आप जानते हैं कि दुनियाभर में एक तिहाई भोजन बर्बाद हो जाता है .हम अगर खाने की बर्बादी पर लगाम लगा सके तो 3 अरब लोगों का पेट आसानी से भरा जा सकता है. खाने की यह बर्बादी प्रकृति के लिए भी बहुत ज़्यादा नुकसान दायक है .अगर हम सभी खाने-पीने की चीजों को बर्बाद करना बंद कर दें तो यह चार में से एक कार को सड़क से हटाने के बराबर होगा.


एक आंकड़े के अनुसार भारत में औसतन एक व्यक्ति प्रतिदिन 137 ग्राम भोजन बर्बाद करता है. देश में उपज का लगभग 40% तक भोजन बर्बाद हो जाता है, जिसकी कीमत एक वर्ष में 92,000 करोड़ रुपये के बराबर है. भोजन की बर्बादी को रोकना एक ऐसा कदम है जो हमारे देश और ग्रह को रहने के लिए एक बेहतर जगह बना सकता है. यह एक बहुत ही आसान आदत है, जिसके लिए अपनी मौजूदा आदतों में थोड़ा बदलाव करने की जरूरत है.