Interim Budget 2024: चुनावी साल 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश में अंतरिम बजट पेश कर रही हैं. इस बजट से देशवासियों को काफी उम्मीदें हैं. चूंकि बजट को लेकर मध्यमवर्गीय परिवारों, किसानों और युवाओं को काफी उम्मीदें होती हैं. साथ ही चुनावी साल में बजट इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इन बजटों में कई वर्गों के लिए विशेष सौगातें होती हैं. देश में हर वर्ष फरवरी के पहली तारीख को बजट पेश किया जाता है. बजट हर राज्य को चलाने के लिए एक महत्वपू्र्ण भूमिका अदा करता है. ऐसे में क्या आप ये जानते हैं कि न सिर्फ आज के जमाने में बल्कि काफी पुराने दिनों से यहां तक कि रमायण, महाभारत काल में भी राज्य के लिए बजट तय किया जाता था, जिसके जरिए पूरे साल उसी के हिसाब से राज्य में यानी कि देश में कार्य किए जाते थे. ऐसे में आइए आज हम जानते हैं कि प्रभु श्रीराम के वक्त यानी रमायण के दौरान बजट कैसा होता था और कैसे पेश होता था. 


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राजा दशरथ की राजधानी अयोध्या नगरी थी. पूरा कोशल प्रदेश उनका राज्य था और यह काफी आदर्श राज्य था. ऐसे में वहां कि व्यवस्थाएं कैसी रही होंगी और लोक कल्याण के लिए कैसी व्यवस्थाओं का संचालन किया जाता है इसका वर्णन वाल्मीकि रमायण के बालकाण्ड के पंचम और छठे सर्ग में मिलता है. यहां राजा दशरथ की अयोध्या नगरी के वैभव और भव्यता का वर्णन मिलता है. कई श्लोकों के जरिए इस बात का वर्णन किया जाता है. 


पहला वर्णन ((वाल्मिकी रामायण बालकाण्ड 5.14))
सामन्तराज सघेश्च बालिकर्मभीरावृताम।
नान्देशनिवासाशैश्च वनिगभीरूपशोभिताम।।14।। 


अर्थ- अयोध्या नगरी को अमीर रखने के लिए कर यानी टैक्स देने वाले सामंत नरेश सदा वहां रहते थे. विभिन्न देशों के निवासी और व्यापारी उस राज्य की शोभा बढ़ाते थे. 


दूसरा वर्णन (वाल्मिकी रामायण उत्तर काण्ड)
अन्तरापाणीवीथियाश्च सर्वेच नट नर्तका:। 
सुदा नार्यश्च बहवो नित्यं यौवनशालीनः।।22।। 


अर्थ- अश्वमेध यज्ञ के दौरान रामजी ने ये आदेश दिया था कि आयोजन के समय मार्ग में वस्तुओं के क्रय-विक्रय यानी खरीद-बिक्री के लिए जगह-जगह बाजार लगने चाहिए, जिससे व्यवसायी लोग भी यात्रा करें. इन श्लोकों से समझा जा सकता है कि रामराज में भी अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए एक पूरी प्रक्रिया तय की जाती थी. 


(नोट- यह खबर आम मान्यताओं के आधार पर लिखी गई है. इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.)