नई दिल्ली : दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (DDC) के वाइस चेयरमैन जैस्मिन शाह (Jasmine Shah) ने एलजी वीके सक्सेना के आदेश पर हुई कार्रवाई का विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि एक देश में दो कानून कैसे हो सकते हैं. जैस्मिन शाह ने बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने पूछा कि क्या संबित पात्रा का दफ्तर सील हुआ है क्या?


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दरअसल दिल्ली एमसीडी चुनाव (Delhi MCD Election 2022) के लिए जारी घमासान के बीच उपराज्यपाल वीके सक्सेनाके आदेश पर जैस्मिन शाह को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है. जैस्मिन शाह के सिविल लाइंस स्थित कार्यालय के कर्मचारियों को वापस बुलाकर उसे सील कर दिया गया है.


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भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा की शिकायत के बाद एलजी ने ये आदेश जारी किए. सांसद प्रवेश वर्मा का आरोप है कि जैस्मिन शाह अपने कार्यालय का दुरुपयोग अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए कर रहे थे. 


नीति आयोग की तर्ज पर आप सरकार ने दिल्ली के विकास के लिए DDC की स्थापना की थी. इसका काम विभिन्न मुद्दों पर दिल्ली सरकार को सलाह देना था। इसी कमीशन की सलाह पर ही राजधानी में विभिन्न कार्य हो रहे थे, जिसका जिक्र कर आम आदमी पार्टी वोटरों को एमसीडी चुनाव में एक मौका देने की अपील कर रही है. 


बीजेपी का आरोप है कि जैस्मिन शाह आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने का काम कर रहे थे. वह टीवी बहस के दौरान आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता के रूप में पार्टी का पक्ष रखा करते थे. जैस्मिन का दफ्तर सील करने के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि संबित पात्रा आईटीडीसी के अध्यक्ष हैं. उनके कार्यालय को भी सील कर दिया जाना चाहिए क्योंकि वह भाजपा के प्रवक्ता हैं.