JNU: दिवाली से पहले फिर सुलगा JNU, प्रभु श्रीराम और नजीब पर कमेंट से हो गया बखेड़ा
Student Protest: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और विवाद का चोली दामन का रिश्ता है. जी हां बीते समय में इस कैंपस में कई विवादित मामले देखने को मिले हैं. एक बार फिर से इस कैंपस में एक नए विवाद की चिंगारी सुलगनी शुरू हो गई है.
JNU Controversy: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और विवाद का चोली दामन का रिश्ता है. जी हां बीते समय में इस कैंपस में कई विवादित मामले देखने को मिले हैं. एक बार फिर से इस कैंपस में एक नए विवाद की चिंगारी सुलगनी शुरू हो गई है. एबीवीपी छात्रों का आरोप है 28 अक्टूबर को कैंपस में एक जनरल बॉडी मीटिंग के दौरान लेफ्ट समर्थक छात्र ने भगवान राम को नीच कह के संबोधित किया था, जिसका यह लोग विरोध कर रहे हैं.
श्री राम के नाम पर हुआ विवाद
वहीं लेफ्ट छात्र संघ इस आरोप को झूठा बताकर एबीवीपी के छात्रों के खिलाफ झगड़ा करने और दलित छात्रा को धमकाने का आरोप लगा रहा है. 28 अक्टूबर को कैंपस में जनरल बॉडी मीटिंग हो रही थी, तमाम छात्र संगठन के छात्र उस बैठक में मौजूद थे. सभी छात्र अपनी-अपनी बातों को बोल रहे थे, ऐसे में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों का आरोप है कि एक लेफ्ट संगठन छात्र जीबीएम में आया और उसने कहा की सावरकर एक नीच व्यक्ति थे,वह राम को मानते थे राम भी नीच थे.
गंगा ढाबा से निकली गई श्री राम सम्मान यात्रा
इसके बाद वहां मौजूद एबीवीपी के छात्रों ने इस पर घोर आपत्ति जताई. इसके बाद एबीवीपी के छात्रों ने छात्र संघ से अपील की कि जिस छात्रा ने भगवान राम को ऐसी अपमानजनक बात कही है वह माफी मांगे. लेकिन आरोप है कि लेफ्ट समर्थक छात्रों ने इस आपत्तिजनक बात को कहने वाले छात्र को वहां से भगा दिया. इस पूरे मामले के विरोध में अखिल भारतीय परिषद के छात्रों द्वारा 29 अक्टूबर की रात को गंगा ढाबा से साबरमती तक "श्री राम सम्मान यात्रा" निकाली गई. जिसमें काफी संख्या में छात्र मौजूद थे और पूरे प्रदर्शन के दौरान जय श्री राम के नारे लगते रहे.
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छात्र संघ के अध्यक्ष ने कहा एबीवीपी के छात्रों ने दलित छात्रा पर की टिप्पणी
इस पूरे विवाद को लेकर लेफ्ट समर्थक छात्र का आरोप ठीक इससे उल्टा है. जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष धनंजय कुमार का आरोप है कि किसी भी छात्र ने भगवान राम के लिए आपत्तिजनक बात नहीं कही है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस तरह का झूठे आरोप लेफ्ट समर्थक के छात्रों पर लगा रहे हैं. धनंजय का कहना है की जीबीएम के दौरान जब लोग अपनी-अपनी बातों को रख रहे थे, तो उस समय एबीवीपी के छात्र लगातार जीवीएम को हुटिंग करके प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे. इस दौरान एबीवीपी के काफी सारे स्टूडेंट मंच पर आ गए और उनसे कहां सुनी होने लगी. धनंजय का यह भी आरोप है कि एबीवीपी छात्रों ने दलित छात्रा को कहा की नजीब की तरह उसे भी गायब कर देंगे और एबीवीपी के विरोध में जेएनयू छात्र संघ ने साबरमती ढाबे से गंगा ढाबा तक प्रोटेस्ट मार्च निकाला.
एक दूसरे पर लगाएं जा रहे है आरोप
यानी जीबीएम के दौरान कुछ ना कुछ विवादित जरूर हुआ है, जिसका विरोध यह दोनों छात्र संघ कर रहे हैं. हालांकि यह दोनों ही एक दूसरे पर जो आरोप लगा रहे हैं इसका कोई सबूत किसी के पास नहीं है. इन दोनों छात्र संघ के प्रदर्शन मार्च के दौरान एक स्थिति आई जब दोनों ही छात्रों संगठनों का प्रदर्शन मार्च आमने-सामने पड़ गया. ऐसे में दोनों ही तरफ से जबरदस्त नारेबाजी हुई. लेकिन स्थानीय सुरक्षा गार्ड एवं सादी वर्दी मे दिल्ली पुलिस के सूझबूझ से किसी भी तरह का हंगामा नहीं हुआ.
भगवान राम के विवाद की यह चिंगारी कैंपस में सुलगती दिखाई रही है, जहां एक तरफ एबीवीपी छात्र संघ इस पूरे विवाद पर माफी की मांग कर रहे हैं. तो वहीं लेफ्ट समर्थक छात्र भगवान राम के नाम पर एबीवीपी पर राजनीति का आरोप लगा रहे हैं. फिलहाल कैंपस में दोनों ही संगठनों का एक दूसरे के खिलाफ गुस्सा देखने को मिल रहा है. देखना यह है कि भगवान राम के नाम का विवाद क्या इस प्रदर्शन के बाद थोड़ा थम जाएगा या यह विवाद और आगे बढ़ेगा.
इनपुट: मुकेश सिंह