कैथल के 30 स्कूलों ने ली फर्जी तरीके से मान्यता, संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज
कैथल के 38 निजी स्कूलों पर गाज गिरने वाली है. इसी को लेकर शिक्षा विभाग के निदेशालय द्वारा 38 निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है और उनसे 30 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है. इसी के साथ स्कूल संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
विपिन शर्मा/कैथलः कैथल में शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले कुल 38 निजी स्कूलों की मान्यता पर तलवार लटक चुकी है जिसके बारे में शिक्षा विभाग के निदेशालय द्वारा 38 निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे 30 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है. जवाब संतोषजनक ना आने के बाद स्कूल संचालकों पर मामला दर्ज करवाने की बात भी कही गई है. बताते चलें कि कैथल के RTI कार्यकर्ता जगरूप ढुल द्वारा जनवरी 2020 में जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से कैथल जिले में चल रहे निजी स्कूलों की मान्यता के बारे सूचना मांगी थी.
सूचना मिलने के बाद RTI में खुलासा हुआ था कि कैथल में कुल 38 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने कैथल के तत्कालीन DC व डीईओ के फर्जी हस्ताक्षर कर खुद ही स्कूल की मान्यता के दस्तावेज बना लिए थे. इस बात का खुलासा विभाग द्वारा करवाई गई 3 सदस्य कमेटी की जांच रिपोर्ट में निकल कर सामने आई. जांच रिपोर्ट में हैरान करने वाली बात सामने आई है जिसमें कैथल के तत्कालीन डीसी एनके सोलंकी के फर्जी हस्ताक्षर उसकी जॉइनिंग से 3 महीने पहले और उसकी ट्रांसफर के बाद भी किए गए.
इसके साथ ही दो तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारियों के फर्जी साइन करने की बात भी सामने आई है, जिसमें खुद जिला शिक्षा अधिकारियों ने निजी स्कूलों को दी गई मान्यता के दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर होने की बात कबूली है. फिलहाल, इस पूरे मामले में निदेशालय ने 38 स्कूल द्वारा फर्जी तरीके से स्कूल की मान्यता के दस्तावेज बनाने वाले संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उनसे 30 दिन में जवाब मांगा है और संतोषजनक जवाब न आने पर उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाने के आदेश जारी किए हैं.
विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों से निजी स्कूल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है, तो वहीं दूसरी तरफ इन स्कूलों में पढ़ रहे हजारों बच्चों के भविष्य पर भी तलवार लटकी हुई है. इस मामले पर जानकारी देते हुए कैथल के जिला शिक्षा अधिकारी शमशेर सिरोही ने बताया कि निदेशालय द्वारा कैथल के 38 निजी स्कूलों द्वारा फर्जी तरीके से ली गई मान्यता को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है और 30 दिन में कारण बताओ नोटिस का जवाब आने के बाद इनके खिलाफ मामला दर्ज करवाने के आदेश प्राप्त हुए.