Kaithal News: कैथल के निवासी बेसहारा पशुओं और लावारिस कुत्तों से परेशान हैं. इसलिए वे सरकार से अपील कर रहे हैं कि इनका समाधान करो, ताकि यह जीव भी आराम से जी सके. इससे लोग भी अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकेंगे. इनकी वजह से हर दिन दुर्घटना होती है. 


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कैथल शहर में लावारिस कुत्तों और बेसहारा पशुओं की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कुत्ते आने-जाने वाले लोगों के पीछे भागते हैं, उनको काट लेते हैं. जिससे लोग चोटिला होते हैं. वहीं दूसरी ओर बेसहारा गाय कैथल में इनकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है. जो एक परेशानी का सबब बन चुकी है. एक तो यह जानवर गलियों में गोबर करके गंदगी फैला देते हैं, जिससे लोग फिसल कर घायल होते हैं. दूसरा जब यह जानवर आपस में लड़ते हैं तब यह लोगों को तो घायल करते ही हैं. साथ ही आसपास खड़े वाहनों को भी तोड़फोड़ देते हैं. 


कई बार लावारिस कुत्ते इन सांडों के पीछे भागते हैं, जिनसे इन सांडों की गति इतनी तेज होती है कि सामने कोई भी आ जाए बचना मुश्किल हो जाता है. लोगों ने इस बारे कई बार नगर परिषद को गुहार लगाई, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई. धीरे-धीरे इन बेसहारा पशुओं और लावारिस कुत्तों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है.


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कैथल के खुराना रोड पर तो बेसहारा पशुओं और लावारिस कुत्तों की भरमार है. यहां आने-जाने वाले लोग तो परेशान है साथ ही यहां एक स्कूल भी है. इसमें लगभग 700 बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल के अध्यापकों को इस बात का डर रहता है कि जब स्कूल की छुट्टी होती है तो बच्चे सड़क के माध्यम से अपने घर जाते हैं. मगर इस सड़क पर बेसहारा पशुओं और कुत्तों की संख्या ज्यादा होने से दुर्घटना होने का डर हमेशा बना रहता है. इसके लिए यहां के निवासियों और स्कूल के प्रशासन ने भी नगर परिषद को सूचित किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है.


लोगों का कहना है कि बेसहारा पशुओं को गौशाला में जगह बढ़ाकर, वहां भेजना चाहिए. इससे यह आराम से अपना जीवन जी सकेंगे और आवारा कुत्तों की नसबंदी होनी चाहिए. उनकी जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है. वह न बढ़े और इनका भी कोई उचित इंतजाम हो, क्योंकि दिन में किसी न किसी को यह काट लेते हैं और रात को इतना शोर मचाते हैं कि गली-मोहल्ले में लोगों का सोना मुश्किल हो जाता है. अक्सर छोटे बच्चे इनका शिकार बन जाते हैं.


यहां के पार्षद का कहना है कि यह समस्या पूरे शहर की है. हमने कई बार नगर परिषद के अधिकारियों को इसके लिए अवगत कराया, जब अधिकारी पार्षदों की ही नहीं सुनते तो आम आदमी की सुनवाई क्या होगी. इस समस्या का समाधान होना चाहिए. क्योंकि कई बार हम नगर परिषद के सदन में भी अपनी आवाज उठा चुके हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकला.


Input: Vipin Sharma