Kaithal News: कैथल में 43 दिनों से हड़ताल पर ग्रामीण सफाई कर्मचारी, मांग पूरी न होने पर दी बड़े आंदोलन की चेतावनी
Kaithal News: कैथल में ग्रामीण सफाई कर्मचारी 10 अक्टूबर से लगातार 43 दिनों से हड़ताल पर हैं, जिसके बाद अब शहरी सफाई कर्मचारी और नगर पालिका के अन्य कर्मचारी भी उनके समर्थन में उतर आए हैं. कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वो बड़ा आंदोलन करेंगे.
Kaithal News: वेतन बढ़ाने सहित कई मांगों को लेकर हरियाणा के कैथल में ग्रामीण सफाई कर्मचारी 10 अक्टूबर से लगातार 43 दिनों से हड़ताल पर हैं. कई बार सरकार ने उनसे बातचीत करने की कोशिश भी की, लेकिन वार्ता विफल रही. 8 नवंबर को एक बार फिर पंचायत मंत्री ने सफाई कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुलाया था, लेकिन फिर भी वार्ता नहीं हो पाई. तब यह कह कर टाल दिया गया कि मंत्री कहीं बाहर चले गए हैं. उसके बाद से प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को वार्ता के लिए कोई प्रस्ताव नहीं आया. अब अगर सरकार बातचीत नहीं करती तो यह आंदोलन और लंबा चल सकता है. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि 28 और 29 नवंबर का हमारा रात्रि पड़ाव पंचकूला में रहेगा. फिर भी सरकार बातचीत नहीं करती तो 29 के बाद कोई बड़ी रणनीति बनाई जाएगी.
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण कर्मचारियों के समर्थन में आज शहरी सफाई कर्मचारी और नगर पालिका के अन्य कर्मचारी भी उतर आए. शहरी कर्मचारियों का कहना है कि आज हम सब पूरे हरियाणा में सभी जगह मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे. अगर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मांगों को नहीं माना जाता तो 22 से 28 नवंबर तक गांव-गांव और शहर जाकर पर्चे बाटेंगे. 4, 5 और 6 दिसंबर को डीसी कार्यालय पर क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे. अगर तब भी ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी जाती तो शहरी कर्मचारी 14 और 15 दिसंबर को पेन डाउन और टूल डाउन की हड़ताल करेंगे.
ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मांग
1. विधान सभा में नई नीति (बिल) बनाकर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को रेगुलर कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. पंचायत विभाग की तरफ से सरकार के पास पक्का करने की नीति बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा जाए.
2. पंचायतों की बजाए ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को बीडीपीओ के पे-रोल रखा जाए तथा किसी कर्मचारी द्वारा काम न करने की स्थिति में साथ लगते किसी दूसरे गांव में स्थानांतरण के प्रावधान पर विचार किया जा सकता है.
3. कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के सदस्य को सफाई कर्मचारी बनाया जाए.
4. एक्सग्रेसिया नीति बनाई जाए.
5. ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के लिए 26,000 रुपये मासिक वेतन लागू किया जाए और तब तक शहरों में कार्यरत कच्चे सफाई कर्मियों के बराबर वेतन दिया जाए.
6. वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक एक भी ब्लॉक में तयसुदा समय पर मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है. हर बार बजट न होने की बात बोली जाती है, इसलिए वेतन का एक साल का बजट एक साथ भेजा जाए.
7. चुनावी कार्य के लिए बुलाए जाने पर उस दिन का किराया और चाय, खाने का भत्ता दिया जाए. 5-6 गांवों का जोन बनाकर ग्रामीण सफाई कर्मियों में से ही पढ़े-लिखे कर्मचारियों को सफाई सुपरवाईजर लगाकर सफाई कर्मियों के काम की देखरेख और हाजरी लगाने की व्यवस्था की जाए.
8. कर्मचारी की नियुक्ति के लिए 2000 की आबादी के पैमाने की समीक्षा करते हुए 400 की आबादी पर एक कर्मचारी की स्थाई भर्ती की जाए.
9. ग्रामीण सफाई कर्मियों को साप्ताहिक की बजाए रविवार का अवकाश व बीमार होने पर वेतन सहित अवकाश प्रदान किया जाए तथा साल में न्यूनतम 20 अवकाश प्रदान दिए जाए.
10. ग्रामीण सफाई कर्मियों के लिये साल में कम से कम 4 वर्दी, 2 जोड़ी जूतों के लिए 8000 रुपये वार्षिक वर्दी भत्ता दिया जाए.
11. कर्मचारी की सेवानिवृति पर एकमुश्त 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता कर्मचारी को भुगतान की जाए.
12. ठेकेदारी प्रथा के तहत लगाए गए डोर टू डोर के कर्मचारियों को विभाग के पे-रोल पर लिया जाए और उनको पहले से कार्यरत ग्रामीण सफाई कर्मियों के बराबर वेतन और भत्ते दिए जाएं.
13. रेहड़ी ब्लॉक कार्यालय के माध्यम से दी जाए तथा , कस्सी, तसला, फावड़ा आदि के लिए घोषित 2000 रुपये वार्षिक भत्ता एवं 1000 रुपये वर्दी धुलाई भत्ता 2023 से भुगतान किया जाए.
14. ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए न्यूनतम 1125 रुपये मासिक शिक्षा भत्ता दिया जाए.
15. ग्रामीण सफाई कर्मियों को विशेष कैटेगरी मानकर आवास की गारंटी दी जाए. कर्मचारियों के लिये गांवों में 100-100 गज के प्लाट तथा मकान निर्माण के लिये उचित अनुदान का प्रबंध किया जाए.
Input- Vipin Sharma