Karnal News: मानसून की शुरुआत में ही भारी बारिश के बाद करनाल के लोगों को बाढ़ का डर सताने लगा है. पहाड़ों में हो रही बरसात से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है. कमजोर तटबंध से यमुना नदी से लगते दर्जनों गांव असुरक्षित हैं. पिछली बाढ़ से सबक लेते हुए सरकार ने संबंधित विभागों को सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद यमुना पर पुराने स्टड और तटबंध की हालात बेहद खराब दिख रही है. इसके अलावा नए स्टड का कार्य अभी तक नहीं शुरू हुआ है. इस काम के लिए 30 जून की डेडलाइन थी, लेकिन अब विभाग ने इस कार्य के लिए 7 दिन की समय सीमा और बढ़ा दी है. 


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बीते साल यमुना नदी में आए उफान ने काफी ज्यादा तबाही मचाई थी. पिछली बार पहाड़ों पर हुई मूसलाधार बरसात की वजह से हरियाणा के सात जिलों में बड़ा नुकसान हुआ था. करनाल, पानीपत, कैथल, पंचकूला, कुरुक्षेत्र, अंबाला और यमुनानगर के 554 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे. यमुना, घग्गर और मारकंडा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर होने के कारण जमकर तबाही फैली थी. करनाल जिले के भी 24 गांव पानी में डूब गए थे. कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया था. हजारों एकड़ खेत पानी में डूब गए थे. यमुना के तटबंध और स्टड बड़ी संख्या में बर्बाद हो गए थे. ऐसे में इस बार मानसून की शुरुआत में ही हुई भारी भारिश ने ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. 


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7 जुलाई तक पूरा होगा काम 
बाढ़ के खतरे को देखते हुए सिंचाई विभाग ने करीब 30 करोड़ की योजना तैयार की थी. यमुना नदी से लगते गांव में लगभग 13 स्टड का निर्माण और पुराने स्टड की मरम्मत का काम होना था. ये सभी काम 30 जून तक पूरे होने थे, लेकिन तय समय सीमा समाप्त होने के बाद भी अभी शुरू नहीं हुए. अभी यमुना नदी पर सिर्फ पत्थर लाने का कार्य चल रहा है. पहले पत्थर की पैमाइश होगी, उसके बाद स्टड बनाने का काम शुरू होगा. पूरे काम के लिए विभाग ने 7 दिन का समय बढ़ाया है. एक्सईएन मनोज कुमार ने कहा कि यमुना क्षेत्र में हमारा काम चल रहा है. जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा. 30 जून तक काम पूरा करना था, लेकिन अब इसको 7 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है.


Input- KAMARJEET SINGH