जहां मनानी थी खुशियां, वहां जाएगा पार्थिव शरीर, गृहप्रवेश से पहले बुझा घर का चिराग
आशीष की शहादत के बाद उनका घर खामोश हो चुका है. 23 अक्टूबर के दिन मेजर आशीष का जन्मदिन था. इसके साथ ही उनको अगले महीने नए घर में गृहप्रवेश करना था, लेकिन समय के इस चक्र को कुछ और ही मंजूर था. आज उनके पूरे घर में मातम पसरा हुआ है.
Haryana News: कल कश्मीर के अनंतनाग जिले के राजौरी में हुए आतंकी मुठभेड़ में हरियाणा के पानीपत के रहने वाले मेजर आशीष धौंचक शहीद हो गए. कल उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचेगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
23 अक्टूबर को था जन्मदिन
आशीष की शहादत के बाद उनका घर खामोश हो चुका है. 23 अक्टूबर के दिन मेजर आशीष का जन्मदिन था. इसके साथ ही उनको अगले महीने नए घर में गृहप्रवेश करना था, लेकिन समय के इस चक्र को कुछ और ही मंजूर था. आज उनके पूरे घर में मातम पसरा हुआ है. आशीष अपने पीछे पत्नी और एक नन्ही बेटी को छोड़ गए हैं.
सपनों के गर में करना था गृहप्रवेश
इस घटना के बाद मेजर आशीष के बहनोई ने कहा कि 23 अक्टूबर को उनका जन्मदिन था. इसके बाद टीडीआई सिटी में उनको घर का गृहप्रवेश करना था. साथ ही इस मौके पर जागरण का कार्यक्रम भी था, लेकिन सपनों के घर में प्रवेश के पहले ही उन्होंने इस दुनिया को अलविदा बोल दिया. इसके साथ ही उनके बहनोई ने जानकारी दी कि आशीष के भाई भी आर्मी में हैं और फिलहाल पुणे में तैनात हैं.
पार्थिव शरीर जाएगा गांव
बता दें कि शहीद मेजर आशीष का पार्थिव शरीर कल तीन से चार बजे के बीच उनके गांव पहुंचेगा. उनका अंतिम संस्कार उनके गांव बिंझौल में किया जाएगा, लेकिन उससे पहले उनके नव निर्माण घर टीडीआई में लेकर जाया जाएगा. बहनों ने बताया कि आशीष बड़े ही हंसमुख थे और अच्छे दिल के इंसान थे. बता दें कि कल कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों में मुठभेड़ हुआ था, जिसके बाद सेना के दो जवान और एक पुलिस का DSP शहीद हो गए. इस घटना के बाद से पूरे देश में आक्रोश है. इसी दौरान हरियाणा के पानीपत के रहने वाले आशीष भी शहीद हो गए.