LG पर भड़के केजरीवाल, बोले- दिल्ली के 2 करोड़ लोगों ने मुझे चुन कर भेजा है. आप कौन हैं?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शीतकाली सत्र के दूसरे दिन सदन में बोल कि आज उनकी सरकार है कल किसी और की होगी. आज दिल्ली में हमारी सरकार है और उपराज्यपाल उनका है, लेकिन कल हो सकता है केंद्र में हमारी सरकार हो एलजी हमारा हो और दिल्ली में उनकी सरकार हो तो क्या ऐसे ही होना चाहिए.
नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में शिक्षकों को फिनलैंड जाने से रोकन के मामले को लेकर सदन में जोरदार हंगामा हुआ. इस दौरान सीएम केजरीवाल एक बार फिर से उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर भड़के. उन्होंने कहा कि जितनी अच्छी शिक्षा मैंने हर्षिता और पुलकित को दी है उतनी अच्छी शिक्षा दिल्ली के हर बच्चे को देना चाहता हूं. मेरे मास्टर ने मेरा होमवर्क ऐसे चेक नहीं किया, जैसे एलजी साहब फाइल चेक करते हैं. मैं चुना हुआ मुख्यमंत्री हूं, दिल्ली के दो करोड़ लोगों ने मुझे चुन कर भेजा है. आप कौन हैं?
मैं अपने बच्चों और दिल्ली के बच्चों में कोई फर्क नहीं समझता
मैंने हमेशा कहा है कि दिल्ली में रहने वाले 2 करोड़ लोग हमारा परिवार हैं. इन परिवारों में रहने वाले बच्चों को मैं अपना बच्चा मानता हूं. मेरा मानना है कि मैंने जो शिक्षा हर्षित और पुल्कित को दी, वैसी ही शिक्षा दिल्ली में रहने वाले हर बच्चे को मिलने चाहिए. इसके लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं. शिक्षा के स्तर को बढ़ने के लिए हमने स्कूलों के आधारभूत ढांचे को ठीक किया. हम शिक्षकों की क्षमता को बढ़ाने के लिए उन्हें विदेश में प्रशिक्षण के लिए भेजते रहे हैं. इस बार फिनलैंड में कुछ टीचरों को भेजना है, लेकिन उपराज्यपाल ने इस पर रोक लगा दी है.
केजरीवाल ने आगे कहा कि मैं मुख्यमंत्री हूं और मनीष सिसोदिया शिक्षा मंत्री हैं. जनतंत्र में यह होता है कि अगर शिक्षा मंत्री अपने टीचरों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजना चाहता है, तो उसे कोई नहीं रोक सकता. हालांकि, दिल्ली में ऐसा नहीं हो रहा है. उपराज्यपाल शिक्षकों को फिनलैंड जाने से रोक रहे हैं. दो बार उन्होंने इस मामले की फाइल को वापस भेज दिया है. मैं आज पूरी लिस्ट लेकर आया हूं. मंत्रियों के बच्चे विदेश में शिक्षा लेकर आ रहे तो क्या उनका कास्ट वेनिफिट इनलाइसेस हुआ?
केजरीवाल ने आगे कहा कि जब अमीरों और मंत्रियों के बच्चे के विदेश में शिक्षा का एनलाइसेस नहीं होता तो गरीबों के बच्चो की शिक्षा में रुकावट क्यों? अब एलजी हमारे सर पर बैठकर हमारे बच्चों की शिक्षा रोकेगा. जबकि एलजी के पास पावर नहीं, सुप्रीम कोर्ट का आदेश है. 2018 में पुलिस, लैंड, और सर्विसेज छोड़कर किसी भी निर्णय का अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को एलजी साहब राय बताते है. एलजी साहब कहते है मैं एडमिनिस्ट्रेटर यानी शशक हूं मैं कुछ भी कर सकता हूं.
उन्होंने आगे कहा कि मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा था मेरे टीचरो ने मेरे होमवर्क पर सवाल नहीं उठाया, लेकिन एलजी साहब ने हमारी फाइलों को मांगा कर उसमें कमी निकाल रहे है. मैंने एलजी साहब से कहा आप को जो करना है करे लेकिन मुझे दिल्ली के लिए काम करने दे. इसी के साथ केजरीवाल ने कहा कि एलजी साहब आप बताए आपने किस अधिकार से कॉस्ट एनलाइसेस का आदेश दिया. इतना ही नहीं आप ये बताए जिन 10 एल्डरमैन को आपने नियुक्त किया वो किस अधिकार से बनाया बताए.
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मोहल्ला क्लिनिक समेत इन चीजों पर लगाई रोक
केजरीवाल ने सदन में कहा कि एमसीडी चुनाव के नतीजे 6 दिसंबर में आए थे, लेकिन उससे 2 महीने पहले सारे मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर की तनख्वाह रोक दी गई. बिजली बिल भरने बंद हो गए, दिल्ली जल बोर्ड की पेमेंट बंद करवा दी, जिसकी वजह से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बंद हो गए, बसों में मार्शल की तनख्वाह रुकवा दी. सब अधिकारी बता रहे हैं कि उपराज्यपाल में पेमेंट रोकने के निर्देश दिए थे. एलजी साहब ने इस पर कहा कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया.
तब मैंने उनको कहा कि फिर अफसर को सस्पेंड करो वरना हम मानेंगे कि आप ने किया है. एजी साहब ने कहा भाजपा 20 सीटों पर भी नहीं आ रही थी, मेरी वजह से इतनी सीटें आई हैं. उन्होंने कहा कि आप लोकसभा में देखना सभी सातों सीटें भाजपा जीतेगी और अगली बार देखना आम आदमी पार्टी की सरकार भी नहीं रहेगी.
विपक्ष के लोग होते तो ज्यादा बेहतर होता
केजरीवाल ने आगे कहा कि स्थाई कुछ नहीं है. आज उनकी सरकार है कल किसी और की होगी. आज दिल्ली में हमारी सरकार है और उपराज्यपाल उनका है, लेकिन कल हो सकता है केंद्र में हमारी सरकार हो एलजी हमारा हो और दिल्ली में उनकी सरकार हो तो क्या ऐसे ही होना चाहिए, नहीं मैं लोकतंत पर विश्वास करता हूं. चुनी हुई सरकार निर्णय ले ये हमारी कोशिश होगी.