Keto Diet Side Effects: बदलती लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से आज के समय में मोटापा एक आम समस्या हो गई है, लगभग हर दूसरा व्यक्ति अपने बढ़ते वजन को लेकर परेशान है. मोटापे की वजह से लोगों को कई तरह की बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है. बढ़े वजन को कम करने के लिए लोग एक्सरसाइज के साथ ही अपनी डाइट का भी विशेष ध्यान रखते हैं. इसके लिए कीटो डाइट सबसे ज्यादा प्रभावी मानी जाती है, लेकिन कई बार कीटो डाइट आपकी मौत की वजह भी बन सकती है. 


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क्या है कीटो डाइट (Keto Diet)
कीटो डाइट को कीटोजेनिक डाइट भी कहा जाता है, ये कार्बोहाइड्रेट के सेवन को सीमित करता है और उन्हें फैट से बदल देता है. इसमें मुख्य रूप से सी फूड, चिकन, मीट, मछली, अंडा, केला, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, शिमला मिर्च, टमाटर आदि खाते हैं. कीटो डाइट में उन सब्जियों का सेवन किया जाता है जिनमें स्टार्च, कैलोरी, कार्ब्स नहीं होता. 


अलग-अलग स्टडी में ये बात सामने आई है कि वजन घटाने में सबसे ज्यादा कारगर मानी जाने वाली कीटो डाइट से शरीर के मेटाबॉलिज्म पर निगेटिव असर होता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है. 


वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ कार्डियोलॉजी और अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के एनुअल साइंटिफिक सेशन में कीटो डाइट को लेकर एक स्टडी पेश की गई. इस स्टडी के अनुसार टकीटो डाइट फॉलो करने से बॉडी में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा दोगुनी हो जाती है, इससे सीने में दर्द (एनजाइना) जैसी कार्डियोवैस्कुलर स्थितियां, धमनियों में रुकावट, दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है'.


फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन नाम की रिसर्च बताया गया है कि 'कीटो डाइट लेने की वजह से शरीर में कार्बोहाइड्रेट की खपत कम हो जाकी है और इससे शरीर के मेटाबॉलिज्म पर नकारात्मक असर पड़ता है. कीटो डाइट में ऐसी चीजें ज्यादा शामिल हैं, जो शरीर के पोषण के लिए जरूरी मांग को पूरा नहीं कर पाती हैं'.


कनाडा में यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया सेंटर फॉर हार्ट लंग इनोवेशन और स्टडी के राइटर यूलिया इटान (Iulia Iatan) के अनुसार 'स्टडी में पाया गया कि लो-कार्बोहाइड्रेट और हाई फैट वाली डाइट का नियमित सेवन करने से एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है जो हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा देता है'.