Kisan Andolan: अंबाला चंडीगढ़ एक्सप्रेसवे किसान आंदोलन के चलते 22 दिनों से लगातार बंद चल रहा था, लेकिन आज 23वें दिन एक एक लेन को खोल दिया गया है, जिसकी वजह से लोगों को काफी राहत मिली है. लोगों का कहना है कि राहत तो है लेकिन पूरा रास्ता खोलने चाहिए. किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया था, जिसके चलते अंबाला प्रशासन ने 12 फरवरी को ही अंबाला चंडीगढ़ एक्सप्रेस वे को दोनों तरफ से पूरी तरह से बंद कर दिया था.


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लेकिन, कल प्रशासन द्वारा हाईवे खोलने का काम शुरू कर दिया गया था. आज सुबह पुलिस ने हाईवे की एक-एक लेन को खोल दिया है, जिसके बाद ट्रैफिक को इस रास्ते पर आने दिया जा रहा है. आज 23वें दिन हाईवे खुलने से लोगों को काफी राहत मिली है, तो वहीं फिलहाल के लिए खुली एक-एक लेन की वजह से ट्रैफिक काफी धीमी है, लेकिन एक लेन के खुलने से लोगों को गांव के रास्ते घूम-घूम कर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.


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इससे पहले लोगों को गांव-गांव घूमकर जाने में काफी परेशानियों का सामना कर पड़ रहा था. लेकिन, बार्डर की एक लेन खुलने से लोगों का काफी राहत मिलने वाली है और अब लोगों को कम समय और पैसा दोनों की बचत होने वाली है. लेकिन, लोगों का कहना है कि रोहत है तो लेकिन पूरा रास्ता खोलने चाहिए.


फिर करेंगे किसान 'दिल्ली कूच'


किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बीते रविवार को देशभर के किसानों से प्रदर्शन के लिए 6 मार्च को दिल्ली पहुंचने की अपील की है. इसी के साथ उन्होंने 10 मार्च को 4 घंटे के लिए देशभर में 'रेल रोको' आंदोलन का आह्वान भी किया है. किसान नेताओं ने कहा कि मौजूदा विरोध स्थलों पर किसानों का आंदोलन तेज होगा और तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती. किसान मोर्चा सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें उनकी MSP की मांग अहम है.


किसान संगठनों ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान शंभू और खनौरी पर आंदोलन जारी रहेगा. लेकिन, यूनियनों ने अन्य राज्यों के किसानों और मजदूरों को 6 मार्च को विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली पहुंचने की अपील की.


(इनपुटः अमन कपूर)