Farmer Protest News:  नोएडा स्थित राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की मीटिंग के दौरान पुलिस ने मंगलवार को सभी किसानों को हिरासत में ले लिया. बैठक में किसान आंदोलन की अगली रणनीति बनाने के लिए बैठे थे. किसानों का कहना है कि हमें कहीं भी ले जाएं, जेल ले जाए पर जो हमारा हक है, हम लेकर रहेंगे. उसके लिए हमें जो भी करना पड़ेगा वो हम करेंगे. इस दौरान पुलिसकर्मी प्रदर्शकारियों को बस में लादते दिखे. प्रदर्शनकारियों के बीच एक बूढ़ी महिला भी मौजूद थी, जो लाठी के सहारे बमुश्किल चल रही थी.



— ANI (@ANI) December 3, 2024


बता दें कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी क्षेत्र के सैकड़ों किसान अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, सैकड़ों किसान दिल्ली नोएडा के बॉर्डर पर बैठ गए थे. बीते दिन प्रशासन और किसानों में सहमति होने के बाद किसानों से एक सप्ताह का समय मांगा गया था. जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग का आयोजन किया गाया था. उस दौरान ही पुलिसकर्मी ने मीटिंग और धरने पर बैठे किसानों को हिरासत में ले लिया. इस दौरान पुलिस को कई बुजुर्ग महिलाओं को बस में चढ़ाते भी देखा गया. इन महिलाओं में एक ऐसी भी बुजुर्ग महिला थी, जिनके हाथों में लाठी थी और पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.



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किसी भी शुभ काम को करने से पहले हवन किया जाता है. किसान आंदोलन नोएडा में चल रहा है. मंगलवार की सुबह किसानों ने मीटिंग से पहले विधिवत हवन पूजा करके आंदोलन की शुरुआत की. लगभग एक दर्जन किसान संगठनों ने यमुना, नोएडा और ग्रेटर नोएडा ऑथोरिटी के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. वो बढ़े हुए मुआवजे की राशि और जमीन की मांग पर अड़े हुए हैं.


नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी क्षेत्र के किसान अपनी बढ़े हुए मुआवजे की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. किसान नेता सुखबीर खलीफा का साफ कहना है कि वो अब आरपार की लड़ाई के लिए तैयार हैं. बता दें कि किसान अपनी मांग को लेकर दिल्ली कूच कर रहे थे. ऑथोरिटी के अधिकारियों ने उनसे एक हफ्ते का समय मांगा, लेकिन उसको लेकर दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर बैठ गए थे. उनका कहना है कि जब तक एक सप्ताह का समय दिया गया है तब तक हम यहीं बैठे रहेंगे. अगर मांगे नहीं मानी गई तो सात दिन पर प्रदर्शन को आगे बढ़ाएंगे. 


किसान 64% बढ़ा हुआ मुआवजा देने, सरकार से सर्किल रेट बढ़ाने, भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार देने, हाईपावर कमेटी की सिफारिशें लागू कराने, आबादी क्षेत्र के उचित निस्तारण और अधिग्रहीत जमीन का चार गुना मुआवजा देने की मांग पर अड़े हैं.