Haryana: बैठक के बाद चढूनी ने बता दिया, Amit Shah की रैली में क्या करने वाले हैं किसान
Haryana News: कुरुक्षेत्र में हुई बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि 29 जनवरी को अमित शाह की गोहाना रैली में किसान ज्यादा-ज्यादा संख्या में पहुंचे और जब अमित शाह बोलना शुरू करें किसान अर्धनग्न होकर प्रदर्शन.
दर्शन कैत/ कुरुक्षेत्र: किसान लगातार काफी समय से गन्ने के दामों में बढ़ोतरी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी के तहत किसानों ने शुगर मिलों के मुख्य द्वारों पर तालाबंदी कर दी थी. इसी को लेकर आज कुरुक्षेत्र में सरकार और किसानी नेताओं के बीच बैठक की गई. बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी का बयान सामने आया है, जिसमें वो किसानों के लिए हुई बैठक से संतुष्ट नहीं दिखें और उन्होंने 25 जनवरी से लेकर 29 जनवरी तक का किसान प्रदर्शन की तैयारी के बारे में बताया. किसान नेता ने चेतावनी दी है कि 29 जनवरी को गोहाना में होने वाली गृहमंत्री अमित शाह की रैली में उनका विरोध किया जाएगा.
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किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि 25 तारीख से लेकर 29 तारीख तक किसानों का प्रदर्शन रहेगा. तारीख के हिसाब से बताया कि किस दिन क्या करेंगे.
-25 जनवरी को गन्ना उत्पादक किसान ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल पर रोष मार्चनिकालेंगे.
-26 जनवरी को किसान अपने गन्ने की फसल को जलाएंगे.
-27 जनवरी को गन्ना किसान चीनी मिलो के आगे स्थित सड़कों पर चक्का जाम करेंगे.
- चढूनी ने यह भी कहा कि 29 जनवरी को अमित शाह की गोहाना रैली में किसान ज्यादा-ज्यादा संख्या में पहुंचे और जब अमित शाह बोलना शुरू करें किसान अर्धनग्न होकर प्रदर्शन.
वहीं किसान नेता चडूनी ने आज बैठक में मुख्यमंत्री से मिलने वालों किसानों को किसानों का दुश्मन कहा. साथ ही आपको ये भी बता दें कि गुरनाम सिंह चढूनी ने हरियाणा में होने वाली अमित शाह की रैली पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि किसानों ने पहले कई टकराव झेले हैं और हम मरने से नहीं डरते.
बता दें कि आज गन्ने के दाम के मुद्दे पर कृषि मंत्री जे पी दलाल, किसान प्रतिनिधी और मुख्यमंत्री के साथ बैठक की गई. जिसमें मुख्यमंत्री ने किसान नेताओं को यह बात समझाने की कोशिश की थी कि वह मिल बंद ना करें और गन्ने की पिराई को जारी रहने दें. क्योंकि मिल बंद करना समस्या का समाधान नहीं है. जेपी दलाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहले ही गन्ने के भाव को लेकर कमेटी का गठन कर दिया था इसीलिए किसान संगठनों को उस कमेटी की रिपोर्ट आने तक इंतजार जरूर करना चाहिए.