Haryana News: इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग के बाद मिली कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सुशील कुमार गुप्ता को चुनाव मैदान में उतार दिया. कभी दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ चुके सुशील कुमार गुप्ता को पार्टी ने दिल्ली सीट से राज्यसभा में पहुंचाया था. उस समय आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पार्टी में बगावत के सुर उभर पड़े थे, लेकिन पार्टी ने इसकी परवाह किए बगैर सुशील कुमार गुप्ता को आगे बढ़ाया और आज एक बार फिर उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी.


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अब सवाल ये है कि आखिर मूलरूप से जींद (हरियाणा) के शामलो कलां में जन्मे सुशील गुप्ता को हरियाणा में मिली एक मात्र सीट कुरुक्षेत्र से उम्मीदवार क्यों बनाया गया. 


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पेशे से बिजनेसमैन और सामाजिक कार्यों से जुड़े सुशील गुप्ता 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर मोतीनगर सीट से आम आदमी पार्टी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन हार गए थे. बाद में 2018 में आम आदमी पार्टी ने उन्हें राज्य सभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया. उस समय किसी बाहरी व्यक्ति पर भरोसा जताने की वजह से कुमार विश्वास समेत कई नेताओं ने बागी तेवर अपना लिए थे. बाद में कुमार विश्वास ने आप का दामन छोड़ दिया था. 


दरअसल सुशील गुप्ता दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी समिति के सदस्य रह चुके हैं. वह करीब ढाई दशक से पंजाबी बाग क्लब के अध्यक्ष हैं. साथ ही 13 वर्षों से पंजाबी बाग सहकारी समिति में बतौर अध्यक्ष कार्यरत हैं. साफ सुथरी छवि के सुशील गुप्ता ने दिल्ली और हरियाणा में कई शैक्षणिक संस्थान नाम से खुलवाए हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में भी उनका बिजनेस है. दिल्ली में सरकार बनाने के बाद से आज तक आम आदमी पार्टी शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी आमजन की मूलभूत जरूरतों को ध्यान में रखकर ही योजना बनती आई है. इसके अलावा बतौर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने हरियाणा में आम आदमी पार्टी की जनकल्याणकारी नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का बखूबी काम किया है.  


10 साल पहले थे दिल्ली के दूसरे सबसे धनी उम्मीदवार 
2013 में जब वह कांग्रेस की ओर से चुनाव मैदान में उतरे थे, उस वक्त वह दिल्ली में दूसरे सबसे अमीर विधायक उम्मीदवार थे. उस समय उन्होंने 164 करोड़.रुपये की संपत्ति की घोषणा की थी. इसके अलावा अपने पास चार कार और एक ट्रैक्टर होने की जानकारी साझा की थी. 


शैक्षिक योग्यता 
56 वर्षीय सुशील गुप्ता ने 1979 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बी कॉम, 1982 में एलएलबी, 1987 में ज्वालापुर (हरिद्वार) से डी लिट और 2009 में एमबीए किया था.  अब देखना होगा कि कुरुक्षेत्र के चुनावी मैदान पर सत्तारूढ़ बीजेपी किसे अपना प्रत्याशी बनाती है.