Haryana News: हरियाणा में विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत मिला है. भाजपा ने 90 में से  48 विधानसभा सीटों में जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस को 37 सीटों में जीत मिली. चुनाव से पहले BJP द्वारा नायब सैनी को सीएम पद का चेहरा घोषित किया गया था, लेकिन पूर्व गृह मंत्री अनिल विज द्वारा बार-बार सीएम पद की दावेदारी पेश करने के बाद अब हरियाणा की राजनीति  में गृह मंत्री अमित शाह की एंट्री हो गई है. पार्टी ने हरियाणा में विधायक दल का नेता चुनने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. 


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अमित शाह की एंट्री
किसी भी राज्य में बहुमत मिलने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब अमित शाह को  केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. वहीं अमित शाह की एंट्री होने के बाद इस बात के कयास लगना भी शुरू हो गए हैं कि हरियाणा बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं है. पूर्व गृह मंत्री अनिल विज पार्टी के सीनियर नेता हैं और लगातार सातवीं बार विधायक बने हैं, जिसके बाद वो सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं. हाल ही में उन्होंने जेपी नड्डा से भी मुलाकात की. इसके बाद  केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. 


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लगातार बढ़ रहा मोहन यादव का कद
मध्य प्रदेश में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद की कमान डॉ. मोहन यादव को सौंपे जाने के घटनाक्रम ने सभी को चौंका दिया था. वहीं अब उनका सियासी कद धीरे-धीरे बढ़ रहा है. पार्टी ने हरियाणा में विधायक दल का नेता चुनने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ डॉ. यादव को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.


MP के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाले हुए मोहन यादव को 10 माह हो चुके हैं और इस दौरान राज्य में हुए विधानसभा के उपचुनाव में जीत मिलने के अलावा पार्टी का राज्य में ग्राफ बढ़ा है. अभी हाल ही में हरियाणा के विधानसभा चुनाव में डॉ यादव ने पांच विधानसभा क्षेत्रों भिवानी, दादरी, तोशाम, बवानी खेड़ा और झज्जर में पार्टी के उम्मीदवारों का प्रचार किया था. इनमें से चार जगहों पर भाजपा उम्मीदवारों को जीत मिली. जबकि झज्जर में हार का सामना करना पड़ा. भाजपा को हरियाणा में 80 फीसदी जगहों पर जीत मिली, जहां मोहन यादव ने प्रचार किया था. 


भाजपा ने हरियाणा में तमाम पूर्वानुमानों को झुठलाते हुए जीत की हैट्रिक बनाई है, जिसके बाद अब वहां विधायक दल का नेता चुना जाना है. पार्टी ने विधायक दल का नेता चुनने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. डॉ यादव को मिली यह जिम्मेदारी सियासी तौर पर उनके कद को बढ़ाने का संकेत है. साथ ही यह पहला अवसर है जब मुख्यमंत्री डॉ यादव किसी दूसरे राज्य के नेता के चयन की प्रक्रिया में मौजूद रहेंगे. दरअसल, सियासी संयोग यह है कि डॉ यादव को मुख्यमंत्री चुने जाने में हरियाणा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय पर्यवेक्षक की भूमिका निभाई थी और अब हरियाणा के नेता चयन में डॉ यादव केंद्रीय पर्यवेक्षक की भूमिका निभाने वाले हैं. 


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव पिछड़े वर्ग का बड़ा चेहरा हैं और पार्टी ने हरियाणा चुनाव में उनका बेहतर उपयोग किया है. आगामी झारखंड और बिहार के चुनाव में भी पार्टी उनके चेहरे का उपयोग करेगी. हरियाणा के नेता चयन में मिली बड़ी जिम्मेदारी ने यादव की सियासी हैसियत बढ़ाने के संकेत तो दे ही दिए हैं. साथ ही भाजपा मध्य प्रदेश में एक नए चेहरे को खड़ा करने की कोशिश कर रही है. उसी क्रम में डॉ यादव का कद बढ़ाया जा रहा है.