नई दिल्ली: हरियाणा लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की मेनिफेस्टो कमेटी की बैठक सोमवार को भवन में हुई. इस दौरान कमेटी के मेंबर्स के अलावा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान और हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया मौजूद रहे. हरियाणा कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी की बैठक के बाद भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हमारी वरिष्ठ विधायक गीता भुक्कल मेनिफेस्टो कमेटी की अध्यक्ष है. आज सभी मेनिफेस्टो कमेटी के मेंबर्स ने अपने सुझाव दिए हैं. घोषणा पत्र अच्छा होगा. 


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BJP के सांसदों ने क्या किया?
वहीं गीता भुक्कल ने बताया कि आज तमाम सुझाव लिए गए हैं. हर वर्ग का ध्यान रखा जाएगा. उन्होंने कहा, भाजपा गठबंधन सरकार में मेनिफेस्टो कमेटी बनाने के बाद एक भी मीटिंग भी नहीं की गई. भाजपा ने अपना मेनिफेस्टो उठाकर भी नहीं देखा है और सिर्फ कमल के नाम पर वोट मांगने की बात करते हैं. परफॉर्मेंस के नाम पर बताएं, उनके सांसदों ने क्या किया है. गीता भुक्कल ने कहा कि मेनिफेस्टो कमेटी में कुछ सब कमेटी बनाकर जिम्मेदारी दी जाएगी. 


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बृजेंद्र सिंह के आने से बढ़ेगी पार्टी में मजबूती 
कांग्रेस नेता ने कहा कि सांसद बृजेंद्र सिंह के हरियाणा कांग्रेस में आने का फैसला स्वागत योग्य कदम है. इससे कांग्रेस की मजबूती बढ़ेगी। हम पूरे हरियाणा में 10 की 10 लोकसभा सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं और बहुत अच्छे नतीजे आएंगे. 


आज कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में हरियाणा की कुल 10 में से 9 सीटों पर मंथन होगा. ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस जातिगत समीकरण के हिसाब से हरियाणा में टिकटों का बंटवारा करेगी. हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया भी इस बारे में कह चुके हैं कि 36 जातियों के समीकरण के हिसाब से टिकट दी जाएगी. 


सूत्रों के मुताबिक जाटों को दो से तीन टिकट मिल सकती हैं. रोहतक, हिसार या भिवानी-महेंद्रगढ़ और सोनीपत पर जाट उम्मीदवार उतारने को लेकर चर्चा है. वहीं फरीदाबाद सीट से गुर्जर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने की संभावना है. इसके अलावा गुरुग्राम या भिवानी-महेंद्रगढ़ से एक यादव चेहरे को तवज्जो दी जा सकती है. 


अगर बात की जाए करनाल की तो पंजाबी उम्मीदवार उतारा जा सकता है. इसके अलावा गुरुग्राम से भी पंजाबी चेहरे पर कांग्रेस दांव खेल सकती है. अगर बैठक में सोनीपत से जाट के अलावा ब्राह्मण प्रत्याशी के नाम पर भी चर्चा हो सकती है. इसके अलावा दो आरक्षित सीटों (अंबाला और सिरसा ) में से अगर हिसार सीट जाट कोटे में नहीं जाने पर बीसीए को सीट मिल सकती है.