Delhi Election 2025: युवा मतदाताओं के लिए पंजीकरण करने की ये है आखिरी तारीख
Delhi Assembly Election 2025: नए मतदाताओं को पंजीकृत करने और किसी भी गलत समावेश पर आपत्ति उठाने का अवसर प्रदान करता है. CEO के अनुसार, दावे और आपत्तियां 28 नवंबर 2024 तक दर्ज की जा सकती हैं, जबकि चुनावी सूची में निरंतर अपडेट इस तिथि के बाद भी उपलब्ध रहेंगे.
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) ने बुधवार को घोषणा की कि विशेष सारांश संशोधन (SSR) 2025 की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है और इसका समापन 6 जनवरी 2025 को अंतिम चुनावी सूची के प्रकाशन के साथ होगा. यह संशोधन 29 अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ था और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में किया जा रहा है.
दिल्ली के नागरिकों के लिए अवसर
यह संशोधन नागरिकों को अपने चुनावी विवरण को सुधारने, नए मतदाताओं को पंजीकृत करने और किसी भी गलत समावेश पर आपत्ति उठाने का अवसर प्रदान करता है. CEO के अनुसार, दावे और आपत्तियां 28 नवंबर 2024 तक दर्ज की जा सकती हैं, जबकि चुनावी सूची में निरंतर अपडेट इस तिथि के बाद भी उपलब्ध रहेंगे.
मतदान केंद्रों पर विशेष अभियान
जनता की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए मतदान केंद्रों पर विशेष अभियान आयोजित किए गए हैं. CEO के बयान के अनुसार, 9 और 10 नवंबर 2024 को आयोजित पहले दौर के अभियानों में नागरिकों से मजबूत प्रतिक्रिया मिली, जो अपने चुनावी रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए उत्सुक थे.
आगामी अभियान की तैयारी
अगले दौर के अभियान 23 और 24 नवंबर 2024 को आयोजित किए जाएंगे. CEO ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे इन कार्यक्रमों का पूरा लाभ उठाएं ताकि उनके मतदाता विवरण की सटीकता सुनिश्चित हो सके.
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ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रियाएं
इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए, ड्राफ्ट चुनावी सूची ऑनलाइन और सभी निर्धारित मतदान स्थलों, जिसमें मतदाता केंद्र भी शामिल हैं. नागरिक ऑफलाइन सबमिशन के अलावा, चुनाव आयोग के मतदाता पोर्टल, मतदाता हेल्पलाइन ऐप या दिव्यांगजनों के लिए सक्षम ऐप के माध्यम से ऑनलाइन दावे और आपत्तियां भी दर्ज कर सकते हैं.
युवा मतदाताओं के लिए अपील
CEO पी. कृष्णमूर्ति ने सभी संभावित मतदाताओं से अपील की है जो 1 अप्रैल, 1 जुलाई या 1 अक्टूबर 2025 को 18 वर्ष के हो जाएंगे, कि वे पूर्व-पंजीकरण कराएं ताकि उनकी चुनावी सूची में समावेश सुनिश्चित हो सके.
चुनावी विवरण की पुष्टि
कृष्णमूर्ति ने चुनावी विवरण की पुष्टि के महत्व पर बल दिया, क्योंकि केवल मतदाता पहचान पत्र होने से वोट देने का अधिकार नहीं मिलता. मतदाताओं को ऑनलाइन सत्यापन उपकरणों या हेल्पलाइन के माध्यम से अपनी सूची में समावेश की पुष्टि करनी चाहिए.
लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करना
CEO ने सटीक और अपडेटेड चुनावी सूचियों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया और सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे आगामी चुनावों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए इस अवसर का लाभ उठाएं.