Delhi News: पटना की धरती आज एक नया इतिहास रचनेवाली है. 46 साल बाद देश की 18 बड़ी पार्टियों के नेता, जिसमें कुल 6 मुख्यमंत्री सहित आधा दर्जन पूर्व मुख्यमंत्री मौजूद होंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में हो रही यह बैठक इस मायने में महत्वपूर्ण है कि क्षत्रप दल तय करेंगे कि 24 में मोदी सरकार को घेरने के लिए उनकी रणनीति क्या हो. कांग्रेस, वामदलों और राष्ट्रवादी कांग्रेस समेत अधिकांश क्षेत्रीय दलों के शीर्ष नेता वैचारिक मतभेद भुलाकर एक मंच पर जुटेंगे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित देश के तमाम विपक्षी दल के नेता इस बैठक में मौजूद रहेंगे.


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जानकारी के मुताबिक आज की बैठक में पीएम पद की बात न होकर वन फोर वन फार्मूला पर चर्चा होगी. विपक्षी एकजुटता को लेकर हो रही महाबैठक में इस बात पर कोई चर्चा नहीं होगी कि विपक्ष को केंद्र में सरकार बनाने का मौका मिला तो प्रधानमंत्री कौन होगा.


बैठक में विपक्षी एकजुटता की चर्चा इस संदर्भ में होगी कि 2024 की लड़ाई में वन फोर वन फार्मूले को आगे बढ़ाया जाए. इसके मूल में यह है कि जिस राज्य में जो दल बीजेपी को हराने की स्थिति में है. वहां संपूर्ण विपक्ष मिलकर उसका साथ दे. इसके लिए अपने हित की अनदेखी कर केंद्र में बीजेपी को हराने की बात का ध्यान रखा जाए.


केंद्र से बीजेपी की विदाई के लक्ष्य के साथ विपक्षी एकजुटता की महाबैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास स्थित नेकसंवाद कक्ष में सुबह 11 बजे शुरू होगी.
देश के ज्वलंत मुद्दों पर विपक्षी दिग्गज अपनी बात नीतीश कुमार के आरंभिक संबोधन के बाद रखेंगे. महाबैठक में विपक्ष के दिग्गज देश के ज्वलंत मुद्दों पर अपनी राय रखेंगे. इस क्रम में मंहगाई, बेरोजगारी, धार्मिक उन्माद को हवा देने व संवैधानिक संस्थाओं पर बीजेपी के कब्जा किए जाने पर विशेष रूप से चर्चा होगी. पूरे देश के लिए जाति आधारित गणना कराने पर भी चर्चा हो सकती है .


बीजेपी के खिलाफ पटना में एकजुट होने वाले दलों के पास लोकसभा की 153 सीटें हैं, जबकि अकेले बीजेपी के पास लोकसभा की 303 सीटें हैं. विपक्षी एकता की मुहिम में शामिल दलों में सर्वाधिक 53 सीटें कांग्रेस के पास हैं. आरजेडी, सीपीआई माले और पीडीपी समेत तीन दल ऐसे हैं, जिनके पास एक भी लोकसभा सीट नहीं है. इसके अलावा अन्य 11 दलों के पास 100 सीटें हैं. इनमें सर्वाधिक 24 सीटें डीएमके के पास हैं. इसके अलावा ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के पास 23, शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के पास 19 और मेजबान जेडीयू के पास 16 लोकसभा सीटें हैं.