Air Pollution: दिल्ली में पहली बार केजरीवाल सरकार कराने जा रही हैं कृत्रिम बारिश. यह बारिश 20 नवंबर, 2023 के आस-पास करवाई जा सकती है. IIT कानपुर ने दिल्ली सरकार को पूरा प्लान सौंप दिया है. बता दें कि बीते मंगलवार को आईआईटी कानपुर की दिल्ली सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक हुई थी. आने वाले शुक्रवार को दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी देगी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश कराने में केंद्र सरकार का सहयोग दिलाने की गुजारिश करेगी.


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दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण


बता दें कि दिल्ली में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है, जिसके चलते दिल्लीवासियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी के साथ दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली में कृत्रिम बारिश का प्रयोग करने जा रही है. इस बीच दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने आईआईटी कानपुर के प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल से बात कर कृत्रिम वर्षा के बारे में जानकारी हासिल की है. इस जानकारी में उन्हें बताया गया कि डीजीसीए (नागर विमानन मंत्रालय) से अनुमति की प्रक्रिया राज्य सरकार को पूरी करनी होगी. आईआईटी की टीम एक सप्ताह के अंदर बारिश कराने के लिए तैयार है.


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उन्होंने आगे बताया कि सरकार की ओर से प्रस्ताव मिलने और डीजीसीए अनुमति के बाद हमारी टीम एक सप्ताह के अंदर कृत्रिम वर्षा कराने के लिए तैयार है. उन्होंने बताया कि देश के किसी भी हिस्से में कृत्रिम वर्षा कराने के लिए भी इसी प्रक्रिया का पालन करना होगा.


कैसे हीती है कृत्रिम बारिश


कृत्रिम बारिश (आर्टिफिशियल बारिश) कराने के लिए IIT में एक विशेष तरह की मशीन को तैयार किया गया है. इन मशीनों को हवाई जहाज के डैनों के साथ जोड़ा जाता है कि जिसकी मदद से हवाई जहाज की उड़ान पर किसी तरह का कोई असर न पड़े और आसमान में बादलों का निर्माण के दौरान कुछ रसायनों का छिड़काव किया जा सके. कृत्रिम वर्षा के लिए सिल्वर आयोडाइड, सामान्य नमक जैसे कई केमिकल का नैनो मिश्रण का प्रयोग किया गया जाता है.