Lok Sabha Election 2024: चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. 543 सीटों के लिए 7 चरणों में वोटिंग होगी. पहले चरण में 19 अप्रैल और आखिरी चरण में 1 जून को मतदान होगा. 4 जून को चुनाव के नतीजे आएंगे. वहीं इस बार चुनाव में बुजुर्ग मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला किया गया है.  85 वर्ष से अधिक उम्र के लोग और दिव्यांग व्यक्ति डाक मतपत्र के माध्यम से वोट कर सकेंगे. जानते हैं दिल्ली में बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं की संख्या. 


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दिल्ली में बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं की संख्या


जनवरी 2024 में प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 80 वर्ष से अधिक आयु के 2,63,771 और 71,794 दिव्यांग मतदाता हैं. पश्चिमी दिल्ली में 80 साल से अधिक उम्र के सबसे ज्यादा  50,208 लोग हैं. वहीं इसके बाद दूसरे नंबर पर चांदनी चौक और तीसरे नंबर नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र आता है. 29,349 मतदाताओं के साथ दक्षिणी दिल्ली में सबसे कम बुजुर्ग मतदाता हैं. वहीं उत्तर पूर्वी दिल्ली में सबसे अधिक 13,320 दिव्यांग मतदाता, पश्चिम दिल्ली में 12,901 दिव्यांग मतदाता,  उत्तर पश्चिम दिल्ली में 12,758 दिव्यांग मतदाता और नई दिल्ली में केवल 5,519 दिव्यांग मतदाता हैं. ये सभी लोग डाक मतपत्र के माध्यम से वोटिंग कर सकते हैं. 


2020 में पहली बार बुजुर्गों और दिव्यांगजनों ने डाक मतपत्र से की वोटिंग


ऐसा पहली बार हो रहा है कि देशभर के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता घर से वोटिंग कर सकेंगे. दरअसल,  अक्टूबर 2019 में चुनाव आयोग की सिफारिश पर कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा चुनाव संचालन नियम, 1961 में संशोधन किया गया. इसके बाद साल 2020 में पहली बार राजधानी दिल्ली के लगभग 3 हजार बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाओं ने डात मतपत्र के माध्यम से वोटिंग की. इस बार लगभग 3 लाख बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता घर से वोट कर सकेंगे.


नियमों में बदलाव
जून 2020 में कोरोना महामारी के दौरान संक्रमित या संदिग्ध लोगों को सुविधा सुविधा प्रदान करने के लिए नियमों में संसोधन किया गया. चुनाव आयोग की सिफारिश पर डाक मतपत्र की सुविधा 65 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए बढ़ाई गई थी. 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की संख्या ज्यादा होने की वजह से नियमों में बदलाव किया गया और अगस्त 2020 में नियमों में बदलाव किया गया. वहीं अब एक बार फिर कानून मंत्रालय ने गजट नोटिफिकेशन में वरिष्ठ नागरिकों की परिभाषा को 80 से बदलकर 85 वर्ष कर दिया है. राजधानी दिल्ली में भी जल्द ही बुजुर्ग और दिव्यांगजनों की अधिकारिक संख्या जारी कर दी जाएगी, जो घर से मतदान कर सकेंगे.