Rajasthan Next CM: राजस्थान की 199 सीटों में से बीजेपी ने 115 सीटों पर जीत दर्ज कर राज्य में हर बार सत्तारूढ़ पार्टी बदलने का रिवाज बरकरार रखा. अब पार्टी किसे सीएम बनती है, ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरों का साफ असर चुनाव परिणामों पर दिखा. हालांकि BJP से बगावत करने वाले 4 निर्दलीय प्रत्याशियों के आगे मोदी मैजिक भी फेल साबित हुआ. चारों उम्मीदवारों ने भी साबित कर दिया कि उनकी भी जनता के बीच लोकप्रियता कम नहीं है. 


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राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के चार बागियों सहित कुल आठ निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. भाजपा से बगावत कर चुके  चंद्रभान आक्या ने चित्तौड़गढ़ सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीता है.  दरअसल, भाजपा ने चित्तौड़गढ़ से आक्या का टिकट काटकर पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को चुनाव लड़ने का मौका दिया था, लेकिन मौजूदा विधायक आक्या ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह को 6,823 वोटों से हरा दिया. वहीं पांच बार विधायक रह चुके बीजेपी उम्मीदवार राजवी तीसरे स्थान पर रहे. 


सीट बदलने से बदले समीकरण  
भाजपा ने इस बार नरपत सिंह राजवी को उनकी विद्याधर नगर सीट की जगह चित्तौड़गढ़ भेजा था, जबकि विद्याधर नगर सीट पर पार्टी ने सांसद दीया कुमारी को उतारा था. दीया ने राज्य में सबसे बड़े अंतर से जीत दर्ज कराई. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 71368 वोटों से हराया. जयपुर की राजकुमारी की जीत को राज्य में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. दीया कुमारी को जहां 1,58,516 वोट मिले, वहीं कांग्रेस के सीताराम अग्रवाल 89,780 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. दीया कुमारी ने अपनी भारी जीत का श्रेय विद्याधर नगर की जनता को दिया है.


शिव सीट पर भी बीजेपी को दिया झटका 
भाजपा के एक और बागी रविंद्र सिंह भाटी ने शिव विधानसभा सीट पर कांग्रेस से बागी हुए निर्दलीय उम्मीदवार फतेह खान को 3,950 वोटों के अंतर से हरा दिया. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी और मौजूदा विधायक अमीन खान तीसरे स्थान पर रहे.  इसके अलावा शिव में भाजपा के स्वरूप सिंह खारा चौथे स्थान पर रहे. 


इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी और डीडवाना सीट से पूर्व मंत्री यूनुस खान 92,392 वोटों से जीते. यहां कांग्रेस प्रत्याशी चेतन सिंह चौधरी दूसरे और भाजपा के जितेंद्र सिंह तीसरे स्थान पर रहे. वहीं भाजपा की एक अन्य बागी रितु बनावत ने बयाना सीट पर 40,642 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। यहां कांग्रेस प्रत्याशी अमर सिंह दूसरे और भाजपा के बच्चू सिंह तीसरे स्थान पर रहे.


सांचौर सीट पर नहीं खिल पाया कमल 
इसी तरह सांचौर सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीवाराम चौधरी ने अपना दमखम दिखाया. पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और जालौर के सांसद देवजी पटेल को चुनाव मैदान में उतारा था, जो तीसरे स्थान पर रहे. इस सीट पर मंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार सुखराम विश्नोई दूसरे स्थान पर रहे. चुनाव जीतने वाले अन्य निर्दलीय उम्मीदवार हनुमानगढ़ से गणेश राज बंसल और भीलवाड़ा से अशोक कुमार कोठारी के सिर जीता का सेहरा सजा है. 


इनपुट: एजेंसी