Delhi Assembly Election 2025: कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) एक स्वतंत्र संस्था है, जो सरकार के खर्चों की समीक्षा कर उसे जवाबदेह बनाती है. एक समय आम आदमी पार्टी ने भी ऐसी ही डिमांड कर राजनीति का सफर शुरू किया था. CAG रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट कार्रवाई भी कर सकता है.
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Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: दिल्ली चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे बीजेपी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की सरकार को कठघरे में खड़ा करने में जुटी है. बीजेपी का कहना है कि अगर दिल्ली की आप सरकार सीएजी की सभी 14 रिपोर्ट पेश कर दे तो उनके कार्यकाल में हुए घोटालों से पर्दा उठ जाएगा. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की है कि 21 दिसंबर को विशेष सत्र बुलाया जाए. इस सत्र में दिल्ली सरकार को सीएजी की सभी 14 रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया जाए.
सचदेवा ने कहा कि 2017-18 से 2021-22 के बीच सीएजी ने केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में कई वित्तीय मुद्दों पर 14 प्रमुख रिपोर्ट जारी की हैं. इनमें शराब पर एक्साइज ड्यूटी और प्रदूषण से संबंधित गड़बड़ियां शामिल हैं. ये रिपोर्ट उनके कार्यकाल के दौरान हुए कथित घोटालों की जांच का आधार बन सकती हैं और केजरीवाल सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
क्या होती है सीएजी की रिपोर्ट
सीएजी (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) एक स्वतंत्र संस्था है, जिसका मुख्य कार्य सरकारी खर्चों की समीक्षा करना है. सचदेवा ने बताया कि ये रिपोर्ट हर सरकार को जवाबदेह बनाती हैं और इनके आधार पर न्यायालय में भी कार्रवाई हो सकती है. बीजेपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि बीजेपी के प्रयासों से अरविंद केजरीवाल ने 2011-12 में कांग्रेस सरकार के खिलाफ कामनवेल्थ खेलों पर सीएजी रिपोर्ट को सार्वजनिक कर अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी. अब वही केजरीवाल अपनी सरकार की रिपोर्ट्स को सार्वजनिक करने से बच रहे हैं. सचदेवा ने कहा, अगर ये रिपोर्ट सार्वजनिक होती हैं, तो आप सरकार को अपनी पूर्ववर्ती सरकार पर जांच की सिफारिश करनी पड़ सकती है. इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा केजरीवाल सरकार की खामियों को उजागर करने के लिए तैयार है.
सवाल ये कि क्या चुनाव से पहले CAG रिपोर्ट सार्वजनिक करना दिल्ली में सत्ता परिवर्तन का मजबूत आधार बन सकता है. आखिर किन परिस्थितियों में अब तक CAG की 14 रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई. आखिर उनमें है क्या? या फिर ये मुद्दा सिर्फ इसलिए उछाला जा रहा है कि ताकि दूसरी पार्टी की छवि को दागदार कर उसका सियासी लाभ उठाया जा सके.
इनपुट: संजय कुमार वर्मा
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