Mallikarjun Kharge: गरीब-गुरबे के न्याय के मसीहा खड़गे आज बनेंने देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष
Congress President Mallikarjun kharge: नव निर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष की कमान अपने हाथों में लेंगे. 17 अक्टूबर को हुए चुनाव में खड़गे ने शशि थरूर को 6000 से ज्यादा वोटों से हराया था. खड़गे कांग्रेस के दूसरे दलित अध्यक्ष होंगे. खड़गे ने दलितों के लिए कई सामाजिक कार्य भी किए हैं.
नई दिल्ली: Mallikarjun Kharge Congress President: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के आज नतीजे आए जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) कांग्रेस के अगले अध्यक्ष चुने गए हैं और उन्होने शशि थरूर (Shashi Tharoor) को अध्यक्ष पद के चुनाव में 6,825 वोटों से हरा दिया. खड़गे को कुल 7897 वोट मिले जबकि शशि थरूर को महज 1072 वोट मिले. वहीं, इस चुनाव में 416 वोट अमान्य हो गए. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को हुई वोटिंग में कुल 9385 डेलिगेट्स ने वोट डाले थे. बता दें कि कांग्रेस को 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिला. खड़गे से पहले सीताराम केसरी गैर गांधी अध्यक्ष रह चुके हैं और साथ में खड़गे दुसरे दलित अध्यक्ष बने हैं, इससे पहले बाबू जगजीवन राम 1970 में अध्यक्ष बने थे.
कबड्डी के खिलाड़ी हैं खड़गे
खड़गे का जन्म 21 जुलाई 1942 को कर्नाटक में हुआ था. इनके जन्म के बाद जब भारत आजाद हुआ और देश में दंगे भड़के थे तब इनके पिता इन्हें जंगल में ले गए. कई महीनों वहां रहने के बाद शहर आए. शहर में आने के बाद उनके पिता ने उन्हें स्कूल में भर्ती कराया, जिससे वह पढ़े-लिखे. इन्होंने गुलबर्गा के स्कूल से अपनी आरंभिक शिक्षा प्राप्त की. मल्लिकार्जुन खड़गे पढ़ने में तो होनहार थे ही, कबड्डी के अच्छे खिलाड़ी थे. खड़गे ने कबड्डी में कई इनाम भी जीते हैं. अगर खड़गे राजनीति में नहीं होते तो वह शायद कबड्डी के अच्छे खिलाड़ी हो सकते थे.
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खड़गे बने गुलबर्गा के पहले दलित वकील
मल्लिकार्जुन खड़गे ने 12वीं की पढ़ाई गुलबर्गा के नूतन स्कूल से की, सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन की और इसके बाद कानून की पढ़ाई की. उन्होंने गुलबर्गा के सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज से डिग्री प्राप्त की. जिसके बाद गुलबर्गा के पहले दलित वकील कहलाए. वकील बनने के बाद खड़गे ने कई सामाजिक कार्य किए, गरीब लोगों के फ्री में केस लड़े जिससे की गरीब न्याय से वंचित न रह जाएं. गरीब लोग भी इनके पास अपनी परेशानियां लेकर आते थे क्योंकि वो जानते थे कि खड़गे ही उनकी बातों को सुनेंगे और उन्हें न्याय दिलाएंगे. होता भी बिलकुल वैसा ही था. खड़गे गरीबों को न्याय दिलाकर ही रहते, इससे उनकी छवि न्याय के मसीहा के रूप में हो गई. लोग उन्हें जज से भी ऊपर रखते थे, क्योंकि ज्यादातर मामलों में जीत दिलाते थे.
खड़गे का राजनीति सफर
मल्लिकार्जुन खड़गे का राजनीति का सफर तभी से शुरू हुआ जब उन्होंने गरीबों से बिना पैसे लिए केस लड़े. जिस वजह से पूरे शहर में फेमस हो गए. यहीं से खड़गे कांग्रेस नेताओं की नजरों में आ गए. जिसके चलते साल 1970 इन्हें कांग्रेस का डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट बनाया गया था. इसके बाद साल 1972 में कर्नाटक के गुर्मत्कल विधानसभा सीट से इन्होंने जीत हासिल की. इसके बाद से वह राजनीति में बने रहे. साल 2014 में खड़गे देश में प्रसिद्ध हुए. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद खड़गे को विपक्ष का नेता चुना गया.
बौद्ध धर्म के फॉलोअर हैं कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे अंबेडकरवादी नेता हैं और बौद्ध धर्म के फॉलोअर भी हैं. बाबा अंबेडकर के विचारों और बुद्ध के ज्ञान को लोगों तक पहुंचाने के लिए इन्होंने गुलबर्गा के बाहरी क्षेत्र में बुद्ध विहार बनवाया. वे इसके अध्यक्ष भी हैं.