Haryana News: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हरियाणा में एक बार फिर राजनीतिक उथल-पुथल मच गई है. हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. निर्दलीय विधायकों- सोमबीर सांगवान, रणधीर सिंह गोलन और धर्मपाल गोंदर अब बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस को समर्थन दे दिया है. इस बीच ये भी कयास लगाए जाने लगे हैं कि अगर बीजेपी का सियासी गणित सही नहीं बैठता है तो सत्ता उसके हाथ से निकलकर विपक्ष में बैठी कांग्रेस के हाथ भी  लग सकती है. बशर्ते यहां भी निर्दलीय किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं. ऐसा कैसा होगा, आइए समझ लेने हैं हरियाणा में सरकार बनाने का सियासी गणित और वर्तमान हालत. 


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बहुमत के लिए चाहिए 45 सीट 
90 सदस्यीय विधानसभा में दो सदस्यों के इस्तीफे के बाद फिलहाल 2 सीट रिक्त हो गई हैं. इस तरह बाकी बची 88 सीटों में से एनडीए (बीजेपी और सहयोगी दल) के पास 42, सहयोगी पार्टियों के समर्थन के बाद कांग्रेस के पास 34 सीटें हैं. वर्तमान हालात में सरकार बनाने के लिए 45 सीटें जरूरी हैं. 


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कई विधायक बीजेपी के संपर्क में: मनोहर लाल 
राष्ट्रपति शासन लगाने और विधानसभा चुनाव कराने की कांग्रेस की मांग के बाद बीजेपी ने दावा किया है कि नायब सिंह सरकार अल्पमत में नहीं आई है. पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कई विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. कांग्रेस पहले अपने विधायक बचाए. इस बीच हरियाणा के CM नायब सिंह सैनी ने कहा है कि बीजेपी सरकार को खतरा नहीं है, कांग्रेस झूठ का सहारा ले रही है.



नायब सिंह नेतृत्व के लायक नहीं: दुष्यंत चौटाला
इधर पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के सहयोगी रह चुके जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आज कमजोर हो चुके हैं. मुझे लगता है कि ऐसा सीएम, जो मानता है कि वह कमजोर है तो वह नैतिक आधार पर प्रदेश का नेतृत्व करने लायक नहीं है. नायब सैनी सैनी या तो बहुमत साबित करें या नैतिक आधार पर इस्तीफा दें. दुष्यंत ने ये भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं.



ऐसे में अगर जेजेपी और कांग्रेस में बात बन जाती है तो कांग्रेस के पास (34+10) सीट हो जाएंगी और इस सूरत में बहुमत पाने के लिए उसे एक और विधायक की जरूरत पड़ेगी और इसमें एक बार फिर निर्दलीय अहम भूमिका निभा सकते हैं. 


इलाज करना पीएम जानते हैं : अनिल विज 
हालांकि इस बीच बीजेपी यह भी दावा करती दिख रही है कि जेजेपी के कुछ विधायक बीजेपी के साथ हैं. इस दावे में कितनी सच्चाई है ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन पूर्व गृहमंत्री अनिल विज का कहना है कि निर्दलीय विधायकों द्वारा कांग्रेस को समर्थन देने का उन्हें दुख है, लेकिन हुड्डा साहब की ख्वाहिश कभी पूरी नहीं हो सकती. अभी हमारे तरकश में कई तीर हैं. हमारी ट्रिपल इंजन सरकार है. तीन इंजन इसकी देखभाल कर रहे हैं. नायब सिंह सैनी, मनोहर लाल और नरेंद्र मोदी पल-पल की जानकारी रखते हैं और उसका इलाज भी जानते हैं.