नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली में एमसीडी चुनाव समय पर करवाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने केंद्र सरकार, एमसीडी और दिल्ली चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते में जवाब मांगा है. मामले में अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी. 


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आम आदमी पार्टी ने याचिका दायर कर जल्द चुनाव कराने की मांग की थी. याचिका में कहा गया था कि तीनों MCD को मिलाकर एक कर दिया गया है. अब सीटों के नए सिरे से परिसीमन के नाम पर चुनाव में देरी की जा रही है. परिसीमन के आधार पर चुनाव टालना सही नहीं है. आम आदमी पार्टी की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि दिल्ली की तीनों एमसीडी का एकीकरण और फिर परिसीमन को निगम चुनावों को स्थगित करने का आधार नहीं बनाया जा सकता है. आप की याचिका पर चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने सुनवाई की.


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एकीकरण के बाद कितने वार्ड होंगे?
मालूदम हो कि इस समय दिल्ली नगर निगम का परिसीमन चल रहा है. चुनाव परिसीमन के बाद कराए जाएंगे. केंद्र की मोदी सरकार एमसीडी के एकीकरण के लिए विधेयक ले आई थी. जिसके बाद 20 मई 2022 को दिल्ली की ईस्ट, साउथ और न्यू दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को एक कर दिया गया था. एकीकरण से पहले नगर निगम में कुल 272 वार्ड थे, जो घटकर 250 हो गए हैं.


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कितने माह में पूरा हो जाएगा परिसीमन?
निगमों के एकीकरण के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर चुनाव में जान बूझकर देरी करने का आरोप लगाया था. हालांकि बीजेपी इस आरोप से इनकार करती रही है. आप ने चुनाव की मांग की तो सरकार ने दिल्ली नगर निगम के वार्डों के परिसीमन के लिए तीन सदस्यीय आयोग गठित कर दिया. आयोग 4 माह में अपनी रिपोर्ट देगा. 


आयोग में कौन-कौन सदस्य हैं?
केंद्र द्वारा बनाए आयोग में दिल्ली राज्य चुनाव आयुक्त विजय देव परिसीमन आयोग के अध्यक्ष होंगे. वहीं शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव पंकज कुमार सिंह और रणधीर सहाय,अतिरिक्त आयुक्त, दिल्ली नगर निगम इस आयोग के सदस्य होंगे. 


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