सरस्वती विहार और रानी बाग में समस्याएं दिखती हैं पर पार्षद नहीं, इस बार `लोकल` पर भरोसा
एमसीडी चुनाव से पहले ज़ी मीडिया की टीम सरस्वती विहार के वार्ड संख्या 58 में पहुंची. यहां पर रहने वाले लोगों के मुताबिक दिल्ली नगर निगम ने हमारे यहां आज तक एक भी अच्छा काम करके नहीं दिखाया. पार्षद नीरज गुप्ता कभी हमारे बीच नहीं आए.
अनुष्का गर्ग/नई दिल्ली: एमसीडी चुनाव से पहले ज़ी मीडिया की टीम सरस्वती विहार के वार्ड संख्या 58 में पहुंची. यहां पर रहने वाले लोगों के मुताबिक दिल्ली नगर निगम ने हमारे यहां आज तक एक भी अच्छा काम करके नहीं दिखाया. पार्षद नीरज गुप्ता कभी हमारे बीच नहीं आए. वोट लेने के समय वह आए थे, उसके बाद किसी ने उनको यहां देखा ही नहीं. पार्क की व्यवस्था बिल्कुल लचर है, स्पोर्ट्स में जितने भी लोग रुचि रखते हैं, उनके पास दौड़ने के लिए अच्छे ट्रैक नहीं है, जिसकी वजह से लोगों के घुटनों पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
जो खुद हुआ हो परेशानी से दो-चार, उस पर करेंगे विचार
पब्लिक टॉयलेट के नाम पर यहां लोगों को बेवकूफ बनाया गया. यहां एक भी पब्लिक टॉयलेट जाने लायक नहीं है. साफ सफाई के मामले में एमसीडी बिल्कुल जीरो है. पेड़ों की छंटाई पर भी एमसीडी ने ध्यान नहीं दिया. आए दिनों पेड़ की टहनियां टूट–टूटकर गाड़ियों पर गिर जाती हैं और उससे हमारे गाड़ी के शीशे भी टूट जाते हैं.
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लावारिस कुत्तों की इतनी दहशत है कि अब बच्चों को भी घर से निकालना भी हमने बंद कर दिया है. हम चाहते हैं इस बार एमसीडी में कोई लोकल इंसान ही पार्षद बने, जिसे पता हो कि हमारा इलाका किन परेशानियों का सामना कर चुका है और फिर उसी के अनुसार वार्ड में काम कर सके.
इस बार बदलाव चाहते हैं रानी बाग के वोटर
ज़ी मीडिया के टीम रानी बाग के वार्ड संख्या 60 में पहुंची. यहां पर इस बार के चुनाव से लोगों की क्या कुछ उम्मीदें हैं और बीते समय उनको एमसीडी से क्या शिकायतें रही हैं. लोगों के मुताबिक एमसीडी ने एक भी अच्छा काम नहीं किया है. साफ सफाई की व्यवस्था बिल्कुल ही लचर है. कंप्लेंट करो तो कोई सुनवाई भी नहीं करता.
हमारे पार्षद को सिर्फ वोट से मतलब रहा है. जब भी उनको वोट की जरूरत पड़ी तब ही जनता के बीच आए हैं. इसके अलावा उन्हें एक बार भी यहां किसी ने आते नहीं देखा. पार्किंग की बहुत ज्यादा दिक्कत है. यहां आए दिन जाम लगा रहता है, जिससे लोगों को आने-जाने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लावारिस पशुओं ने जीना मुहाल कर रखा है. कोई जायजा भी लेने नहीं आता. हम इस बार बदलाव चाहते हैं. हम चाहते हैं कि एमसीडी में कोई भी पार्टी आए, बस हमारे लिए अच्छा काम करके दिखाया.