नई दिल्ली: MLA salary in Delhi 2022 : दिल्ली सरकार का दो दिवसीय मानसून (Delhi Monsoon Session 2022) सत्र 4 और 5 जुलाई को होगा. सत्र के दौरान केजरीवाल सरकार की आम आदमी पार्टी के विधायकों की सैलरी में बढ़ोतरी का विधेयक पेश कर सकती है. आधिकारिक सूत्रों की मानें सत्र सुबह 11 से शुरू होगा. मुद्दों और बहस को देखते हुए इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. कोरोना की स्थिति को देखते हुए मास्क कंपलसरी किया गया है. विधायकों को टीकाकरण का प्रमाणपत्र या फिर कोरोना रिपोर्ट पेश करनी होगी, जोकि 48 घंटे पहले की हो.


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इस सत्र में सबसे बड़ा मुद्दा विधायकों की सैलरी (MLA salary in Delhi 2022) वाला विधेयक ही हो सकता है. सूत्रों की मानें तो उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली के विधायकों के वेतन में 66 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी के प्रस्ताव को लागू करने के लिए धन विधेयक (Delhi Govt Money Bill) मंजूरी दे दी है. अगर विधेयक पारित हो जाता है तो दिल्ली के विधायकों की सैलरी और वेतन भत्ता 54 हजार से बढ़कर 90 हजार हो जाएगा.


केंद्र ने रोका था केजरीवाल सरकार का वेतन बढ़ाने वाला प्रस्ताव
आप सरकार ने दिसंबर 2015 में विधायकों के वेतन-भत्ते को बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया था. इसमें विधायकों की सैलरी 54 हजार से बढ़ाकर 2 लाख 10 हजार होना थी, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने इस रद्द कर दिया था. बीजेपी सरकार ने हवाला दिया था कि दिल्ली सरकार ने 2015 का प्रस्ताव नियमों का उल्लंघन करके पास किया था. अब आप सरकार ने फिर से विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़ाने का प्रस्ताव पेश सकती है.


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अभी कितनी मिलती है दिल्ली के विधायकों को सैलरी-भत्ते (Delhi MLA Salary)
दिल्ली में फिलहाल विधायकों की बेसिक सैलरी 12000 है. निर्वाचन क्षेत्र में भत्ते के तौर पर 18000 रुपये, 10000 रुपये सचिवालय भत्ता, 8000 रुपये मोबाइल बिल भत्ता और 6000 रुपये वाहन भत्ता विधायकों को मिलता है. इस तरह कुल 54000 दिल्ली के विधायकों को प्रति महीना सैलरी मिलती है.


सबसे ज्यादा और सबसे कम वेतन वाले राज्य (Highest and lowest salary of MLA)
चलिए अब आपको बताते हैं देश के किन राज्यों में विधायकों की सैलरी और भत्ते कितने हैं. यह भी बताएंगे कि किस राज्य के विधायकों को मिलती है मोटी सैलरी और किस राज्य के विधायक हैं कम सैलरी में संतुष्ट. पूरे देश में अभी सबसे कम सैलरी त्रिपुरा के विधायकों को मिलती है. यहां विधायकों को 48 हजार मिलते हैं. जबकि सबसे ज्यादा वेतन तेलंगाना के विधायकों को मिलता है.


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विधायकों को सबसे ज्यादा वेतन देने वाले राज्य (Highest Salary MLA Statewise)
तेलंगाना के विधायकों को 2.50 लाख रुपये बतौर वेतन-भत्ते मिलते हैं. हालांकि सैलरी सिर्फ 20 हजार ही मिलती है, लेकिन भत्ते ज्यादा हैं. उन्हें हर महीने भत्ते के रूप में 2 लाख 30 हजार मिलते हैं. तेलंगाना के बाद सबसे ज्यादा वेतन महाराष्ट्र में 2.32 लाख, उत्तराखंड के विधायकों को मिलता है. उन्हें 1.98 लाख, हिमाचल में 1.90 लाख, उत्तर प्रदेश में 1.87 लाख, जम्मू कश्मीर में 1.60 लाख, हरियाणा में 1.55 लाख, बिहार में 1.30 लाख, राजस्थान में 1.53 लाख, आंध्र प्रदेश में 1.25 लाख, गोवा में 1.17 लाख, पंजाब में 1.14 लाख गुजरात में 1.05 लाख है. 


सबसे कम वेतन-भत्ते देने वाले राज्य (Lowest Salary MLA Statewise)
विधायकों को सबसे कम वेतन-भत्ते देने वाले राज्य नॉर्थ ईस्ट के ही हैं. यहां त्रिपुरा के बाद मेघालय 59 हजार, अरुणाचल प्रदेश 49 हजार, मिजोरम 47 हजार, असम 42 असम, मणिपुर 37 हजार, नगालैंड में 36 हजार रुपये मिलते हैं.


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