राष्ट्रीय राजधानी में अर्बन फार्मिंग और उसे होने वाले बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए 1000 वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी, जिसमें लोगों को फल-सब्जियां उगाने का तरीका सिखाया जाएगा.
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तरुण कुमार/ नई दिल्ली : दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक हुई. इस दौरान दिल्लीवासियों को राहत देने वाले कई अहम निर्णय लिए गए. एक डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने बताया कि मिडिल क्लास, अपर क्लास और लोअर मिडिल क्लास के घरों में, जिनके पास घर की छत या बालकनी में थोड़ी जगह है और अगर वह अपनी जरूरत के लिए सब्जियां या फल उगाना चाहते हैं तो सरकार उन्हें फल सब्जी उगाना सिखाएगी.
योजना के बारे विस्तार से बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि शुरू में हम बीज वगैरह उपलब्ध कराएंगे. इस सेक्टर को हमने दो हिस्सों में डिवाइड किया है. एक वे लोग हैं जो रोज की जरूरत के लिए अपने घर में फल सब्जी उगाना चाहते हैं और दूसरे वे लोग जो इसका बिजनेस करना चाहते हैं. इसके लिए बड़े स्तर पर हम एक्सपर्ट को हायर कर रहे हैं. साथ ही इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ टाईअप करने जा रहे हैं.
1000 वर्कशॉप में 25 हजार लोगों को मिलेगा फायदा
यह एक्सपर्ट दिल्ली में वार्ड स्तर पर करीब 400 वर्कशॉप आयोजित करेंगे, जिससे लोग अपने घर की खपत के लिए अर्बन फार्मिंग सीख सकेंगे. वहीं 600 वर्कशॉप उन लोगों के लिए आयोजित की जाएंगी जो बिजनेस के लिए अर्बन फार्मिंग करना चाहते हैं. एक वर्कशॉप में 25 लोग फार्मिंग के गुर सीख सकेंगे. ऐसे में 1000 वर्कशॉप में 25 हजार लोगों को फायदा मिलेगा.
30 सितंबर तक मिलेगा मुफ्त राशन
केजरीवाल ने बताया कि कैबिनेट बैठक में फैसला हुआ है कि दिल्ली सरकार कोरोना को देखते हुए लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध करवा रही थी, उस योजना को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया गया है.
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1950 बसों को खरीदने की मंजूरी
इसके अलावा दिल्ली के लोगों को बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 1950 बसों को खरीदने की मंजूरी दी गई है. ये बसें अगस्त से सितंबर तक आनी शुरू हो जाएंगी और अगले साल सितंबर तक सभी बस सड़क पर उतर जाएंगी. अभी दिल्ली में 7200 बसें हैं.आज तक दिल्ली के इतिहास में इतनी बसें कभी नहीं रहीं. इसके अतिरिक्त लगभग 4800 और बसों के फ्रेश टेंडर दिए जा रहे हैं.
केजरीवाल ने बताया कि अगले दो-तीन साल में कुछ बसों की लाइफ खत्म हो जाएगी और उन्हें रिप्लेस करना पड़ेगा. इस तरह दिसंबर 2024 तक हमारे पास दिल्ली की सड़कों पर 11,910 बसें होंगी. हमारा मकसद है कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का बनाया जाए. टैक्सी, ऑटो, मेट्रो, बस इन सब को इंटीग्रेट और मॉडर्नलाइज करने की कोशिश की जा रही है.