Gangster Murder in Lucknow Court Permises: यूपी की राजधानी लखनऊ में कोर्ट परिसर आज गोलियों की आवाज से गूंज उठा. कोर्ट परिसर में गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. जीवा पर 10 फरवरी 1997 को भाजपा के कद्दावर नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का आरोप था. उसे पूर्व मुख्तार अंसारी का करीबी बताया जाता है. हाल ही में वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस नेता अवधेश राय हत्याकांड में मुख़्तार को उम्रकैद की सजा सुनाई है. बीते दिनों शामली पुलिस ने जीवा के गैंग के एक बदमाश को एके-47, 1300 कारतूस व तीन मैगजीन के साथ पकड़ा था. 


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मुजफ्फर नगर का रहने वाले जीवा पर करीब 22 मामले दर्ज थे, जिसमें से वह 17 मामलों में बरी हो चुका है,फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था. जुर्म की दुनिया में कदम रखने से पहले वह एक दवाखाना पर कंपाउंडर की नौकरी करता था. सबसे पहले उसका नाम दवाखाना मालिक के अपहरण में सामने आया. 90 के दशक में उस समय शासन प्रशासन में खलबली मच गई, जब उसने कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे को अगवा करने के बाद दो करोड़ की फिरौती मांगी थी. देखते ही देखते उसका क्राइम ग्राफ तेजी से बढ़ने लगा और पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया.


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जीवा पहले हरिद्वार की नाजिम गैंग और फिर सतेंद्र बरनाला के साथ जुड़ गया. बाद के वर्षों में 1997 को हुई भाजपा के कद्दावर नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में संजीव जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. कुछ समय बाद जीवा मुन्ना बजरंगी गैंग के संपर्क में आया और फिर उसकी मुलाकात मुख्तार अंसारी से हुई. 


ऐसे बना मुख्तार अंसारी का करीबी 
चूंकि मुख्तार अंसारी को अत्याधुनिक हथियारों का शौक था और जीवा के पास हथियारों को जुटाने का तिकड़मी नेटवर्क था. दोनों के बीच तालमेल की एक यह भी वजह रही. संजीव जीवा का नाम 2005 में हुए बीजेपी नेता कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आया. हालांकि कोर्ट ने इस मामले में मुख्तार और जीवा दोनों को बारी कर दिया था. 


कारोबारी की हत्या में सुनाई गई थी उम्रकैद 
2017 में कारोबारी अमित दीक्षित की हत्या के मामले में अदालत ने जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था. 2021 में जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर पति की जान को खतरा बताया था.