Parliament Inauguration Controversy: नए संसद भवन का उद्घाटन से सियासत गरमा गई है. दरअसर संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए जाने पर विपक्षी दल भड़क गए हैं. उनका कहना था कि संसद भवन का उद्घाटन देश के प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर कोई संसद के साथ ताबूत ताबूत की फोटो शेयर कर रहा है तो आप के मंत्री ने संविधान को दफन करने तक का आरोप पीएम पर लगा दिया है. वहीं भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि मंत्रोच्चारों , शंख और घंटियों की गूंज के बीच धर्मदंड की स्थापना होने से अब लग रहा है कि हां ये छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप, चंद्र गुप्त मौर्य के वंशजों की संसद है.


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भाजपा नेता ने नए संसद भवन के उद्घाटन पर ट्वीट कर लिखा कि नए संसद भवन का अद्भुत दृश्य सबका मन मोह लेने वाला है. यह काम स्वाधीनता मिलते ही होना चाहिए था. प्रथम संसद का प्रथम दिन मंत्रोच्चारों, शंख और घंटियों की गूंज के बीच धर्मदंड की स्थापना होनी चाहिए थी. 



वहीं उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं, जो पहले नहीं हुआ वो अब हो रहा है. धर्मदंड की स्थापना के बाद से लग रहा है कि ये छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप और चंद्र गुप्त मौर्य के वंशजों की संसद है. वीरों के सपने को वास्तविकता में बदलने का ये पुण्य कार्य केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा ही संभव था, जिसे उन्होंने पूरा कर भी दिखाया.  


वहीं उन्होंने दूसरे अन्य ट्वीट में लिखा कि हिंदू संस्कृति का जगत में आज फिर सम्मान हो. चिर पुरातन राष्ट्र का फिर से नया निर्माण हो. नई संसद में लगा अखंड भारत का मानचित्र. यह नया संकल्प, नए लक्ष्य और नया है हमारा संसद भवन.


कपिल मिश्रा ने आरजेडी के ट्वीट पर भी पलटवार करते हुए लिखा कि RJD ने ये बहुत ही शर्मनाक काम किया है. घोटालेबाजों की पार्टी आरजेडी ने आखिर आज अपना भविष्य ही बता दिया.