Noida Authority Land Allotment Policy: हाल ही में नोएडा अथॉरिटी के बिल्डरों और अफसरों ने मिलकर लैंड एलॉटमेंट के नाम पर एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया है, जिसके बाद प्राधिकरण 30,000 करोड़ रुपए का नुकासन हुआ है. तो वहीं, राज्य सरकार के निर्देश के बाद महालेख परीक्षक (सीएजी) ने जांच की.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जांच के बाद प्राधिकरण ने अपनी भूमि आवंटन नीति में आमूलचूल परिवर्तन किया है. इसी के साथ दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) के पैटर्न पर नोएडा अथॉरिटी लैंड अलॉटमेंट करेगी और इसी तरह से सभी बिल्डरों से पैसा वसूल किया जाएगा. बीते बुधवार को अथॉरिटी की बोर्ड बैठक हुई, जिसमें लैंड अलॉटमेंट पॉलिसी के नियम तय किए गए हैं.


ये भी पढ़ेंः Delhi Traffic Diversion: 13 अगस्त से 15 तक दिल्ली के कई प्रमुख रास्ते रहेंगे बंद, घर से निकलने से पहले देख लें यह रूट प्लान


नोएडा अथॉरिटी ने स्वीकार किए DDA के नियम


बता दें कि नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु माहेश्वरी ने जानकारी देते हुए बताया कि आवंटन नीति में व्यापक बदलाव किया गया है. अब भूमि आवंटन ई-ऑक्शन के जरिए किया जाएगा, जिसमें आवेदन प्रक्रिया से लेकर भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. इससे जुड़े सारे नियम और कायदे इस बोर्ड बैठक में तय किए गए हैं.


उन्होंने आगे बताया कि अब प्राधिकरण आवासीय भूखंड, औद्योगिक, संस्थागत, आईटी और आईटीईएस कैटेगरी के भूखण्ड ऑनलाइन ऑक्शन के माध्यम में दिए जाएंगे. अब दिल्ली विकास प्राधिकरण के पैटर्न पर भूमि आवंटन किया जाएगा। अब सारे नियम डीडीए की तरह लागू किए जाएंगे.


उन्होंने आगे बताया कि औद्योगिक संस्थागत, आईटी, आईटीईएस, आवासीय भूखंड और ग्रुप हाउसिंग विभागों के भूखंड आवंटन के लिए ब्रोशर को अंतिम रूप देने के बाद जल्दी ही इन सभी कैटेगरी में लैंड एलॉटमेंट स्कीम लॉन्च की जाएंगी.


ये भी पढ़ेंः Raju Srivastava: जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव, हार्ट फंक्शन काफी कम


- सबसे पहले ई-ऑक्शन के जरिए भूखंड आवंटन हासिल करने वाले आवंटी को निर्धारित अवधि में पूरी राशि एकमुश्त जमा करनी होगी. इस पर भूखंड की कुल कीमत का 2% छूट के तौर पर दिया जाएगा.


- इसके बाद ग्रुप हाउसिंग भूखंड के लिए आवंटन योजना में बिल्डर और बायर्स के हितों को ध्यान में रखा जाएगा. इसके लिए स्कीम ब्रोशर में संशोधन किए गए हैं.


- इसके बाद कंसोर्टियम मेंबर्स को कंपलीशन सर्टिफिकेट लेने तक शत-प्रतिशत अंत धारिता बनाए रखना होगा.


- इसी के साथ भूखंड आवंटन की दशा में प्रीमियम के मद में देय समस्त राशि आवंटन की तिथि से 90 दिन के अंदर जमा करना अनिवार्य होगा.


- डेवलपर को नोएडा अथॉरिटी के साथ एक एसक्रो अकाउंट खुलवाना होगा. इन एसक्रो अकाउंट पर बायर भी नजर रख सकते हैं.  


- आवंटन के पश्चात भूखंडों का उप विभाजन और समामेलन अनुमन्य नहीं किया जाएगा.


- सबसे आखिर में आवंटी या विकासकर्ता को उनके बायर्स के नाम, आवंटित फ्लैट संख्या और एसक्रो अकाउंट में डाले जाने वाली धनराशि का विवरण प्रत्येक 3 महीने में अनिवार्य रूप से प्राधिकरण को उपलब्ध करवाना होगा.