नई दिल्ली: नोएडा में बन रहे भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट का भूमि अधिग्रहण अपने तीसरे-चौथे चरण में पहुंच चुका है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कैबिनेट ने तीसरे चरण के 1318 हेक्टेयर की भूमि अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. तीसरे और चौथे चरण में कुल मिला के 2053 हेक्टेयर की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. वहीं चौथे चरण में कुल 735 हेक्टेयर की भूमि अधिग्रहण का प्लान है. दोनों चरणों में 10 गांवों की जमीनों का अधिग्रहण होगा. 


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चार चरणों में खत्म होगा जेवर एयरपोर्ट 
जेवर एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को चार चरणों में खत्म करने की योजना बनाई गई है. पहले चरण में चार फेस में काम खत्म किया जाना है. एयरपोर्ट के पहले फेस का काम जारी है, जिसमें लगभग 30,000 हजार करोड़ का खर्च आएगा, इस फेस में दो रनवे, टर्मिनल बिल्डिंग और एयर ट्रैफिक कंट्रोल की बिल्डिंग का निर्माण कार्य जारी है. 


कैसा होगा दूसरा फेस 
एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए जिला प्रशासन भूमि अधिग्रहण में जुटा हुआ है. दूसरे फेस में एक रनवे और देश का सबसे बड़ा एमआरओ (MRO) सेंटर बनेगा. बता दें MRO(Maintenance and Repair Overhaul) सेंटर वो जगह होती हैं जहां हवाई जहाज की मरम्मत की जाती है. नोएडा में एमआरओ सेंटर बनने से देश की दूसरे देशों पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी. 


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तीसरे-चौथे फेस को मिली मंजूरी
राज्य सरकार ने तीसरे और चौथे फेस में 2053 हेक्टेयर की जमीन अधिग्रहण प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है. प्रदेश सरकार से अप्रूवल मिलने के बाद अब जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा और इसके साथ ही अधिग्रहण और विस्थापन के लिए अनुमानित खर्च का दस प्रतिशत पैसा भी प्रदेश सरकार की ओर से दिया जाएगा.