Noida News: जहां एक तरफ देश के कई राज्यों के किसान एमएसपी गारंटी की मांग और अपनी कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच की कोशिश कर रहे हैं और कुछ संगठन दिल्ली के अंदर दाखिल होने के लिए जद्दोजहद में लगे हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ कुछ किसान संगठन ऐसे भी हैं, जो इन किसान संगठनों के विरोध में उतर गए हैं. बाकायदा दिल्ली कूच कर रहे किसान संगठनों को इन्होंने उपद्रवी बताया है.


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आपको बता दें कि काफी दिन पहले ही देश के अलग-अलग राज्यों के किसान संगठनों ने दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया था. उसके बाद हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस ने अपनी कमर कस ली है. तिगरी बॉर्डर, शंभू बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर बड़े-बड़े बैरिकेट्स और कटीले तार लगा दिए थे, ताकि कूच करने के बावजूद भी किसान अपने ट्रैक्टर ट्राली को लेकर दिल्ली में अंदर दाखिल न हो सकें, जिस कारण कल पूरे दिन दिल्ली हरियाणा से जुड़े हुए बॉर्डर पर बवाल हुआ, जहां आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े.


इसमें कई पुलिस वाले भी घायल हो गए. इस पूरे मामले के बीच भारतीय किसान यूनियन (महाशक्ति) ने ऐलान किया है कि वह इन तमाम किसान संगठनों का समर्थन नहीं करते हैं, जोकि सड़कों पर उतर आए हैं. उन्होंने इन किसानों को उपद्रवी भी बताया है. हालांकि इस संगठन का कहना है कि वह भी एमएसपी गारंटी के समर्थन में हैं, लेकिन वह इस मामले पर और अन्य मांगों को लेकर केवल शांतिपूर्वक पीएम मोदी से एक किस दल बनाकर वार्ता करना चाहते हैं. दिल्ली की सीमाओं से जो लोग अपने मरीज को लेकर अस्पताल आना चाहते हैं वह परेशान हो रहे हैं, यह बिल्कुल ही गलत है.


नोएडा पहुंचे भारतीय किसान यूनियन महाशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर धर्मेंद्र सिंह ने कहा की एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा के नेतृत्व में हमारे साथ 252 किसान संगठन जिसके अध्यक्ष सरदार बीएम सिंह चुने गए हैं, हम प्रधानमंत्री से अपनी मांगों को लेकर वार्ता करना चाहते हैं, लेकिन हम दिल्ली जो लोग चारों ओर जाम कर रहे हैं. उपद्रव मचा रहे हैं, बैरियर तोड़ रहे हैं. हम ऐसे लोगो का विरोध करते हैं.


हम इनका बिलकुल भी साथ नहीं देंगे. क्योंकि दिल्ली में बड़े-बड़े अस्पताल हैं और वहां मरीज किसी भी राज्य से जाता है और जाम में फंस के दम तोड़ देगा, ऐसे आंदोलन का क्या फायदा की हमारे मरीज ही दम तोड़ दें, हमारी मांग है कि किसानों पर जितने अभी मुकदमे हैं. सरकार उन्हें वापस ले ले और जितने भी विधायक सांसद हैं. उनके पेंशन को बंद करके जवानों को पेंशन दिया जाए, प्रधानमंत्री हमें बुलाए हम प्रधानमंत्री से मुलाकात कर शांतिपूर्ण वार्ता करेंगे.


Input: Vijay Kumar