Health Tips: नई दिल्ली: हाइटेक सिटी नोएडा में ट्रैफिक जाम और इसके दौरान होने वाले प्रदूषण से तनाव, डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों को न्योता दे रहा है. वहीं प्रदूषण से गला भी हो रहा है, जिसके कारण जो खांसी पहले 4 से 5 दिन में ठीक हो जाती थी वो अब 3 हफ्ते से 4 हफ्ते कई मामलों में 6 हफ्ते तक का भी समय ले रही है. नोएडा की सेक्टर 55 के कम्युनिटी सेंटर में लगाए गए नोएडा डायबिटीक फोरम (Noida Diabetic Forum) की तरफ से लगाए गए निशुल्क जांच शिविर (Diabetes Free Test) में ऐसे कई लोग मिले जो रोजाना 4 से 5 घंटे का ट्रैफिक का सामना करते हैं और कहते हैं जांच में इनमें डायबिटीज की पुष्टि हुई है. कैम्प में बडी संख्या में ऐसे मरीज आए जो खांसी की समस्या से पीड़ित थे.


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इस तरह पाएं खांसी से छुटकारा 
सेक्टर -55 में लगाए गए शिविर में डॉक्टरों ने 275 लोगों की ईसीजी, ब्लड ग्लूकोज, लंग्सा टेस्ट्, ऑख-कान-गला, यूरिक एसिड, अल्ट्रासाउंड, बॉडी मास इंडेक्स, इको की जांच की गई. प्रदूषण का प्रभाव लोगों स्वास्थ्य पर दिखाई देने लगा है, नाक कान और गले के वरिष्ठ डॉ एसपी जैन ने बताया कि कैम्प में बडी संख्या में ऐसे मरीज आए जो खांसी की समस्या से पीड़ित थे. यह खांसी 99% तक सूखी खांसी है और 1% बलगम वाली खांसी है. सूखी खांसी है फेफड़ों पर असर नहीं कर रही है, फेफड़ों से ऊपर जो है श्वास नली है उसके अंदर जो पोलूशन जमा है उसपर असर कर रही है. उसकी वजह से रोगी को बार-बार धसका का उठता है, इचिंग होती है उसके बाद सांस फूलने लगती है. या फिर जैसे ही रोगी बेड पर लेटता है तो उसकी खांसी बढ़ जाती है. ऐसे मामलों में एंटी एलर्जी टैबलेट न्यू एलाइजर और भाप का इस्तेमाल करने से खांसी पर कंट्रोल पाया जा सकता है.


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नोएडा डायबिटिक फोरम के अध्यक्ष डॉ. जीसी वैष्णव ने बताया कि पहले टाइप-टू डायबिटीज 15 साल से अधिक उम्र के बच्चों को होती थी, लेकिन अब 15 साल से कम उम्र के बच्चों में भी इसके लक्षण दिखाई दे रहे हैं. डॉक्टर वैष्णव ने कहा कि प्रदूषण का प्रभाव भी डायबिटीज रोग पर दिखाई देने लगा है. उन्होंने कहा कि नोएडा डायबिटिक फोरम अपनी स्थापना के बाद से लगातार हर महीने के तीसरे रविवार को लगाए जाने निशुल्क जांच शिविर में न सिर्फ लोगों उन्हें स्वास्थय के प्रति सचेत कर रहा है. साथ ही उन्हें बेहतर लाइफ जीने के लिए जागरूक भी कर रहा है. फोरम के महासचिव पंकज जिंदल ने बताया कि लोगों की जांच शहर के प्रमुख अस्पताल 20 से ज्यादा डॉक्टरों ने की.