Child Marriage: बालिका जागरूकता का असर अब जमीन पर दिखाई देने लगा है. एक लड़की ने अपनी नाबालिग सहेली को बाल विवाह से बचाने के लिए जोखिम उठाया है. इसे समाज सकारात्मक पहलू के तौर पर देख रहा है. वहीं दबे पांव सर्वसमाज ने पहल का स्वागत जरूर किया है. 


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बता दें कि शनिवार को जिला भिवानी के एक गांव से जिला नूंह के नगीना कस्बा में एक लड़की की बारात आई. यहां रहने वाली एक नाबालिग लड़की ने परिवार वालों पर जबरन शादी करने के खिलाफ शिकायत 112 नंबर पर अपनी सहेली से करवाई. लड़की के घर बारात आ चुकी थी. मामले की जानकारी मिलते ही नूंह जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी मधु जैन अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंची. जहां उन्होंने लड़की और लड़के के परिजनों से बातचीत की. अधिकारी ने लड़की की जन्मतिथि, स्कूल का प्रमाण पत्र, आंगनवाड़ी का रिकॉर्ड मांगा तो पिता ने स्कूल का सर्टिफिकेट थमा दिया, जिसमें लड़की की आयु 18 साल 2 महीने थी. 


अधिकारी को संतुष्ट करने के बाद लड़की का परिवार बारात को खाना खिलाने और विदाई की तैयारी में जुट गया. इस सबूत से अधिकारी संतुष्ट नहीं हुईं, जिसके लिए उन्होंने पुख्ता सूचना के लिए जिला नागरिक अलआफिया अस्पताल मांडीखेड़ा का रिकॉर्ड जांचा गया और आंगनवाड़ी रजिस्टर खंगालने पर पता चला कि लड़की की उम्र 18 साल नहीं बल्कि 2 साल कम यानी 16 साल है. सबूत हाथ में आते ही जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी मधु जैन ने नाबालिग लड़की की शादी रुकवा दी. 


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अधिकारी मधु जैन ने बताया कि नाबालिग लड़की की शादी होने की जानकारी हरियाणा पुलिस के टोल फ्री नंबर 112 पर मिली थी. सहायक पुलिस निरीक्षक लाल सिंह और मुख्य सिपाही तेजवीर के साथ कार्रवाई करते हुए एक नाबालिग लड़की की शादी रकवाई है, जिसकी उम्र केवल 16 साल है और लड़का भिवानी का रहने वाला है, जो बारात लेकर आया. कानून के मुताबिक लड़की की शादी की उम्र 18 साल और लड़के की आयु 21 साल होना जरूरी है.


बता दें कि नाबालिग लड़की की उम्र के सबूतों को समाज के लोगों ने मिलकर मामले को दबाने का प्रयास किया, लेकिन बाल विवाह निषेध अधिकारी नूंह की निजी रुचि के कारण सच्चाई सामने आई. समाज के लोगों को मानना पड़ा कि लड़की नाबालिग है इसलिए शादी नहीं करने पर रजामंदी बनी. जिसके बाद भिवानी से आई बारात खाली हाथ लौट गई.


Input: अनिल मोहनिया