Nuh Bulldozer Action: नूंह हिंसा मामले हरियाणा सरकार का बुलडोजर एक्शन लगातार तीसरे दिन भी जारी है. पहले दिन 25 घर-दुकानों और रोहिंग्या की 250 झुग्गियों पर बुलडोजर चलाया गया था, वहीं दूसरे दिन नल्हड़ रोड पर स्थित 30 मकान-दुकानें गिरा दी गईं. वहीं सरकार की इस कार्रवाई पर विपक्ष हमलावर है. पूर्व मंत्री और वर्तमान कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने बुलडोजर की कार्रवाई को मुद्दों से ध्यान भटकाने वाला बताया. साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट कर इस बुलडोजर कार्रवाई को गलत बताया. 


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जलभराव वाले क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंची हरियाणा की पूर्व मंत्री और वर्तमान कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने हरियाणा सरकार द्वारा की जा रही बुलडोजर कार्रवाई के प्रति नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि इस प्रकार कार्रवाई  उन लोगों के खिलाफ होनी चाहिए, जो धर्म,जाति के नाम पर हिंसा फैलाने का काम करते हैं. इस दौरान उन्होंने एक महिला न्यूज एंकर के बारे में बात करते हुए कहा कि न्यूज एंकर ने इस बारे में शिकायत की है कि उन्होंने अपने पुस्तैनी मकान को किराए पर दे रखा था, लेकिन उनके इस मकान पर यह कह कर गिरा दिया गया कि इसमें नूंह हिंसा के दौरान पत्थर भरे गए थे. इसके साथ ही गीता भुक्कल ने BJP की इस कार्रवाई को मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश बताया.


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झज्जर विधायक गीता भक्कल ने स्थानीय लोगों की परेशानियों के बारे में बात करते हुए कहा कि इस बार मानसून सत्र में वो झज्जर की जनता का परेशानियों को उठाने का काम करेंगी. मानसून सत्र के दौरान झज्जर की जन समस्याओं की गूंज सुनाई देगी. 


AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी 
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट करते हुए हरियाणा सरकार की कार्रवाई को गलत बताया. ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि 'सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोई भी बुलडोज़र एक्शन लेने से पहले सरकार को क़ानून की प्रक्रिया (due process) का पालन करना होगा।बिना बिल्डिंग मालिक को अपनी बात रखने का मौका दिए कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। बस इल्ज़ाम की बुनियाद पर सैकड़ों ग़रीब परिवारों को बेघर कर दिया गया।भले ही संघी अपनी बर्बरता पर गर्व करते हों, लेकिन न ये क़ानूनी तौर पर सही है और न ही इंसानियत के तक़ाज़े से जायज़ है। हरियाणा में सिर्फ़ ग़रीब मुसलमानों को निशाना बनाया गया है और एक तरफ़ा कार्रवाई की जा रही है। असली मुज़रिम बंदूक़ लेकर खुले आम घूम रहे हैं।उनके आगे तो खट्टर सरकार ने अपने घुटने टेक दिए।मिट्टी के मकान और झुग्गी-झोपड़ियों को तोड़ कर अपने-आप को ताक़तवर समझना क्या बड़ी बात है?'