Nuh Violence Effect: बल्लभगढ़: नूह दंगों का प्रभाव जहां पड़ोसी जिलों के रहने वाले लोगों पर पड़ा है. वहीं इंटरनेट पर पाबंदी 3 दिन और बढ़ा दिए जाने से शहर के बाजारों में कस्टमर दिखाई ही नहीं दे रहे है. जिसका मुख्य कारण डिजिटल पेमेंट न हो पाना है. दुकानदारों ने बताया कि दुकानदारी को लेकर भारी परेशान दिखाई दे रहे हैं और दिन भर ग्राहकों की राह देखते रहते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल लोगों को अब डिजिटल पेमेंट करने की आदत हो चुकी है. हर जगह फोन पे (PhonePe) और पेटीएम (Paytm) जैसी सुविधाओं के माध्यम से ही 70% खरीदारी होती है, लेकिन इंटरनेट पर पाबंदी लगने के चलते दुकानदार हैरान-परेशान हैं. वही खरीदारी करने वाले ग्राहक भी खरीदारी करने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं. नतीजतन बाजारों से रौनक गायब हो चुकी है और दुकानदार खाली बैठे हैं. 


ये भी पढ़ें: Gurugram Crime: प्रोफेसर हत्या मामले में 4 आरोपी गिरफ्तार, साली से प्रेम के शक में रची थी पूरी साजिश


 


दुकानदारों ने बताया कि मेवात में भड़के दंगों ने पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है और बाजारों से रौनक गायब हो गई है. उन्होंने बताया कि हर कोई डिजिटल पेमेंट करना चाहता है, लेकिन इंटरनेट नहीं चलने की वजह से काम संभव नहीं हो पा रहा. दुकानदारों का कहना है कि पहले 2 दिन के लिए फरीदाबाद में नेट बंद किया गया था, लेकिन अब 3 दिन और बढ़ा दिया गया है. जिसके चलते सारा दिन खाली बैठकर अपने घर लौट जाते हैं और उन्हें भारी नुकसान हो रहा है. अन्य दुकानदारों का कहना था कि ज्यादातर लोग पेटीएम जैसी ऐप के माध्यम से खरीदारी करते थे और अब लोगों को जेब में जैसे पैसे रखने की आदत भी छूट चुकी है. जिसके चलते खरीददार बाजारों से गायब हो गए हैं.


 एक खरीददार का कहना है कि डिजिटल पेमेंट की आदत हो चुकी है और इंटरनेट नहीं चलने की वजह से वह किसी तरह की भी खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं. जिससे उन्हें बहुत दिक्कत हो रही है. वहीं आपको बता दें कि नूंह और राज्य के कुछ अन्य जिलों में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं 5 अगस्त तक निलंबित थीं, उन्हें आज यानी गुरुवार दोपहर 1 बजे से तीन घंटे के लिए बहाल कर दिया गया है. नूंह के अलावा, फरीदाबाद, पलवल और गुरुग्राम जिले के उप-मंडल सोहना, पटौदी और मानेसर के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में सेवाएं बंद कर दी गईं.


Input: Amit Chaudhary