Nuh Violence: नूंह विधायक व कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट को आधार बनाकर एक बार फिर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. बता दें कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा कि नूंह में कोई संगठित अपराध की घटना नहीं थी, बल्कि सोशल मीडिया के जरिये किए गए दुष्प्रचार से बात बिगड़ गई थी. आयोग ने स्थानीय प्रशासन स्तर पर कुछ कमियां होने की बात भी कही है. आयोग ने हिंसा में बाहरी लोगों के शामिल होने की बात कही और स्थानीय लोगों के सद्भाव की बात स्वीकार की है.


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भाजपा-जजपा सरकार पर साधा निशाना
इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर नूंह विधायक आफताब अहमद ने प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि सरकार के झूठ की पोल केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने खोल दी है. स्वयं विधायक आफताब अहमद पहले दिन से घटना के लिए जिम्मेदार प्रशासन, सरकार की लचर कार्यशैली और शरारती तत्वों की सोशल नेटवर्किंग साइट पर चैलेंजबाजी को मान रहे थे.


दोषारोपन कर रही है सरकार
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार अपनी विफलताओं की छिपाने के लिए कांग्रेस व उनके नेताओं पर गलत दोषारोपण कर रही थी, जबकि पुलिस अधिकारियों ने खूफिया कैमरे पर इस बात को स्वीकार किया था कि सरकार को पूरा गुप्त इनपुट दे दिया गया था फिर भी सरकार सो रही थी. अब अल्पसंख्यक आयोग ने भी भाजपा सरकार की उस थ्योरी का दम निकाल दिया है, जिसमें वो इसे स्थानीय लोगों व नेताओं की साजिश करार दे रही थी.


न्यायिक जांच की मांग
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि नूंह सहित प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में हिंसा व टकराव दुर्भाग्यपूर्ण व बेहद दुखद घटना थी, जिसकी सभी निंदा करते हैं, लेकिन ये स्थिति स्थानीय प्रशासन व प्रदेश की भाजपा सरकार की बड़ी विफलता थी और कांग्रेस पार्टी पहले दिन से हाईकोर्ट जज द्वारा न्यायिक जांच की मांग कर रही है ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. प्रदेश सरकार इसलिए ये जांच नहीं करा रही है ताकि इनकी पोल खुल न सके, लेकिन केन्द्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने सरकार की थ्योरी को झटका दे दिया था. 


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झूठे मामले में फंस रहे हैं बेकसूर 
विधायक आफताब अहमद ने कहा सरकार बेकसूर लोगों को लगातार झूठे मामलों में फंसा रही है. इसे तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए और दोषी चाहे जो हो उन पर कारवाई की जाए. उन्होंने सरकार से राजधर्म निभाने की नसीहत देते हुए कहा सरकार अपनी जिम्मेदारी से न भागें और इस मामले में हाईकोर्ट जज से न्यायिक जांच कराएं. 


लोगों पर लाद दिए गए हैं 17-17 केस 
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि नगीना थाने में काफी लोगों पर 17-17 केस एक साथ लगा दिए गए हैं, जो पुलिस की लापरवाही व गलत मानसिकता को दर्शाता है. जिन लोगों की जांच हो चुकी उन्हें फिर से बुलाकर परेशान किया जा रहा है और झूठे मामलों में फंसाने की गलत कारवाई चल रही हैं. प्रोडक्शन वारंट लेकर लोगों को तंग करने व पुलिस प्रशासन की बर्बरता अभी तक जारी है. इसे तुरंत प्रभाव से बंद किया जाना चाहिए अन्यथा सड़क पर आकर न्याय की लड़ाई लड़ी जाएगी.


इनपुट- अनिल मोहनिया