Nuh Violence: हाथों से सिर ढककर भागता रहा, पिठ पर पड़ती रही लाठियां, बृजमंडल यात्रा में मौजूद शख्स ने सुनाई आपबीती
Haryana Violence Victim Story: नूंह में ब्रजमंडल यात्रा में शामिल सोनीपत के अनिल पुस्कुरा ने कहा कि सैंकड़ों उपद्रवियों के बीच से वह सिर को हाथों से ढककर भागता रहा, हालांकि इस दौरान उसके शरीर पर लाठियां बरसती रही.
Nuh Violence Victim Story: नूंह में ब्रजमंडल यात्रा पर हुए हमले का शिकार सोनीपत का एक श्रद्धालु हुआ. रविवार को जत्थे के साथ रवाना हुए सोनीपत के अनिल पुस्कुरान ने आपबीती सुनाई. अनिल ने बताया कि ऐसा मंजर था कि हर तरफ तेजधार हथियार व लाठी-डंडे लहराते हुए दिख रहे थे. उपद्रवी किसी भी वाहन को रोककर आग के हवाले कर रहे थे. सैंकड़ों उपद्रवियों के बीच से वह सिर को हाथों से ढककर भागता रहा, हालांकि इस दौरान उसके शरीर पर लाठियां बरसती रही. अनिल ने अपने कमर, हाथों पर चोट के निशान भी दिखाए.
मेवात-नूंह में रविवार को निकाली गई ब्रजमंडल यात्रा पर उपद्रवियों ने हमला कर दिया. लोगों को अपनी मौत का मंजर सामने दिखाई दे रहा था, लेकिन काफी मार खाने के बावजूद भी बड़ी मुश्किल से जान बचाकर सोनीपत पहुंचे. पीड़ित व्यक्ति ने अपनी दास्तां बयान की है. जहां उपद्रवियों ने इनके खिलाफ कि उन्होंने काम नहीं करवाया जमकर उत्पात मचाया था. इस यात्रा में सोनीपत से भी श्रद्धालुओं का एक जत्था पहुंचा था.
जत्थे में शामिल शहर के सैक्टर-14 निवासी अनिल पुस्कुरान बुरी तरह घायल होकर लौटे हैं. अनिल ने बताया कि शाम के समय यात्रा के बीच ही वे मंदिर में भंडारे के लिए रुके थे. जब वह वापस लौटने लगे तो अचानक लाठी-डंडों के साथ आए सैंकड़ों युवकों ने उन पर हमला बोल दिया. घरों के ऊपर जमा पत्थर भी बरसाए जाने लगे. ऐसे में अफरा तफरी मच गई. जिसको जहां से रास्ता मिला वह उसी ओर भाग लिया. उपद्रवी गाड़ियों को रुकवाकर उनको आग के हवाले कर रहे थे. वहीं गोलियां चलने की आवाजें भी आ रही थी. इन सबके बीच वह बस से उतरकर दोनों हाथों से सिर ढककर भागता रहा. वह रूका नहीं, हालांकि इस दौरान उसके शरीर पर लाठियां बरसती रही, जिससे उसे काफी चोटें भी आई.
पीड़ित अनिल ने बताया कि वह लगातार भागता ही रहा. इस दौरान उसके कानों में लगातार गोलियां चलने की आवाजें गूंजती रही. उपद्रवियों के हाथों में तेजधार हथियार थे. लगभग हर
घर के ऊपर से पत्थरबाजी हो रही थी. चारों तरफ उपद्रवी नजर आ रहे थे और गाड़ियों को आग के हवाले कर रहे थे. अस्पतालों की छतों से भी पत्थरबाजी हो रही थी. अनिल ने बताया कि जब वह उपद्रवियों से 200 मीटर दूर पहुंचा तो पुलिस की जिप्सी दिखाई दी और उसमें चार-पांच पुलिसकर्मी थे. उसे पुलिस ने रात 8 बजे रेस्क्यू किया. उस समय तक हालात बहुत ज्यादा खराब हो चुके थे.