Haryana News: शिशु गृह सेक्टर- 15 पंचकूला में दत्तक ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य्मंत्री के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर सुदेश कटारिया मुख्यातिथि रहे. इस दौरान उन्होंने दिल्ली के एक परिवार को बच्चा गोद दिया. हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद महासचिव रंजीता मेहता ने सुदेश कटारिया का स्वागत किया और परिषद की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी. सुदेश कटारिया ने कहा कि परिषद द्वारा बेसहारा बच्चों के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है.


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सुदेश कटारिया ने कहा कि बच्चों की असली सेवा हरियाणा बाल कल्याण परिषद ही कर रहा है. बेसहारा बच्चों को नए परिवार में भेजने का जो कार्य परिषद द्वारा किया जा रहा है, वह बहुत ही सराहनीय है. सुदेश कटारिया ने रंजीता मेहता के साथ शिशु गृह का दौरा किया और बच्चों को प्यार लाड दिया. रंजीता मेहता ने बताया कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की ओर से संचालित सेंटरों में बेसहारा छोड़े गए 168 बच्चे विदेशों में पल रहे हैं. विदेशों एवं देश के विभिन्न राज्यों में 616 बच्चों को गोद दिया जा चुका है.


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चार सेंटर पंचकूला, झज्जर, हिसार और सिरसा में बने हैं, जहां से बच्चों को गोद दिया जाता है. हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद महासचिव रंजीता मेहता ने बताया कि 417 बच्चियों और 199 बेटों को गोद दिया जा चुका है. 166 से बच्चे विदेशों में गए हैं. शिशु गृह सेक्टर 15 से 157 लड़के और 250 लड़कियां, हिसार से 5 लड़के, 13 लड़कियां, रेवाड़ी से 5 लड़के और 10 लड़कियां एवं झज्जर से 4 लड़के और 6 लड़कियां विभिन्न राज्यों में गोद दिए हैं. इसके अलावा शिशु गृह सेक्टर 15 से 26 लड़के और 134 लड़कियां, हिसार से 4 लड़कियां विदेश में गोद दिए हैं.


उन्होंने बताया कि दिव्यांग बच्चों को लोग गोद नहीं लेते, उनके लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है कि जल्द से जल्द 6 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के लिए होम सेंटर बनाया जाए, ताकि उनके रुकने की सुविधा हो. 6 वर्ष से अधिक आयु के 74 दिव्यांग बच्चे झज्जर और 55 सोनीपत में रजिस्टर्ड हैं, जोकि सेवाएं ले रहे हैं. गोद लेने की प्रक्रिया लंबी जरुरी है, लेकिन आसान है. एक बच्चा गोद देने से पहले उसकी पूरी होम स्टडी होती है, वित्तीय हालत देखी जाती है, क्राइम रिकार्ड तो नहीं है, यह विषय जांचने के बाद ही बच्चा गोद देते हैं.


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हम भी कारा को अपील कर रहे हैं कि इस प्रोसेस का आसान बनाया जाए. रंजीता मेहता ने बताया कि आनलाइन प्रोसेस है, जिस तरह कोरियर आता है, उसी प्रकार आप अपनी गोद लेने के लिए किए गए आवेदन को भी ट्रैक कर सकते हैं. फाइल किस जगह है, होम स्टडी हो चुकी है या नहीं, यदि नहीं हुई, तो बार-बार आवेदन करके उसे करवा सकते हैं. उस प्रोसेस से बच्चे जल्दी गोद मिल जाता है.  सबसे अच्छी बात है कि अब कई परिवार जो पहले बच्चा गोद ले चुके हैं, वह दूसरा बच्चा गोद लेना चाहते हैं.


(इनपुटः दिव्या राणा)