Panchkula News: पंचकूला के सेक्टर तीन ताऊ देवीलाल स्टेडियम में आयोजित 32 वें हरियाणा राज्य मास्टर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में दादरी जिले के गांव कदम की 106 वर्षीय धारक सुपर दादी रामबाई ने 100 मीटर दौड़ में हिस्सा लेकर लोगों को हैरान कर दिया. आपको बता दें कि दो दिवसीय इस प्रतियोगिता में हरियाणा भर से खिलाड़ी विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए पहुंचे थे. इसमें बुजुर्ग खिलाड़ी भी भारी संख्या में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं.


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हरियाणा के दादरी जिले के गांव कादमा की 106 वर्षीय धावक सुपर दादी रामबाई ने 104 साल की उम्र में नवंबर 2021 में वाराणसी से अपने खेल कॅरियर की शुरुआत की. साल 2022 में 100 मीटर दौड़ इवेंट में मान कौर के 74 सेकंड के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 45.47 सेकंड का नया रिकॉर्ड बनाया. कहते हैं कि उम्र के साथ हर चीज बदल जाती है, लेकिन चरखी दादरी की 106 वर्षीय रामबाई के लिए उम्र महज एक नंबर है.


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खेत की मिट्टी में रोजाना घंटों काम के साथ घर का दूध, दही व घी का सेवन उनकी सेहत का राज है. महज तीन साल के कॅरियर में 100 स्वर्ण पदक जीतने वाली रामबाई पंचकूला सेक्टर-3 ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में अपनी बेटी और धेवती के साथ 32वीं हरियाणा राज्य मास्टर एथलेटिक्स मीट का हिस्सा बन रही हैं. रामबाई दिसंबर में 107 साल की हो जाएंगी.


106 साल की धावक सुपर दादी रामबाई की धेवती का कहना है कि 32वीं हरियाणा राज्य मास्टर एथलेटिक्स मीट का हिस्सा बन उनकी दादी ने आज डिस्कस थ्रो, 100 मीटर दौड़, शॉट पुट में हिस्सा लिया और तीनों में ही आज की प्रतियोगिता में उसकी नानी के प्रथम प्रथम स्थान में रहकर गोल्ड मेडल जीता है. उन्होंने बताया कि इस खेल प्रतियोगिता में उसकी नानी, उसकी मां और उसने खुद हिस्सा लिया है.


उन्होंने बताया कि उनकी नानी की 106 साल की उम्र पूरी होकर 107 साल में प्रवेश कर चुकी है. उन्होंने बताया कि उनकी नानी गांव में रहती हैं और खेतों में काम करती हैं और दूध दही का खाना खाती है और उनकी नानी अच्छी डाइट लेती है. सुपर दादी की डाइट दूध, दही, मक्खन, चूरमा और बाजरे की रोटी खाती हैं.



इस खेल प्रतियोगिता में जहां खिलाड़ियों ने अपनी खेल प्रतिभा से मेडल जीते, वहीं इस खेल प्रतियोगिता में 106 साल की धावक सुपर दादी राम भाई ने भी 100 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीता. इस खेल प्रतियोगिता में कई और बुजुर्ग भी हिस्सा लेने के लिए पहुंचे और बुजुर्गों का खेलों के प्रति इस प्रकार का जज्बा देख लोग भी हैरान हो गए, क्योंकि बुढ़ापे में जहां आम आदमी चलने फिरने में भी असमर्थ हो जाता है. वहीं हरियाणा में ऐसे बुजुर्ग भी हैं, जो बड़ी उम्र में भी खेलों के प्रति अपना रुझान दिखाते हैं और ऐसे बुजुर्गों से ही प्रेरित होकर कई युवा खिलाड़ी खेलों में आगे आते हैं. हरियाणा एक ऐसा राज्य है, जहां पर अंतर्राष्ट्रीय खेलों में सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों के द्वारा ही लाये जाते हैं.


Input: Divya Rana