Parliament Special Session: केंद्र सरकार की तरफ से 18 से 22 सितंबर तक 5 दिनों के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया गया था, जो 4 दिनों में ही खत्म हो गया. PM मोदी ने सत्र की शुरुआत से पहले कहा था कि संसद का सत्र ऐतिहासिक होने वाला है, जिसकी झलक 4 दिनों में देखने को मिली. स्पेशल सत्र के दूसरे दिन संसद नए भवन में शिफ्ट हुई तो वहीं तीसरे दिन महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) लोकसभा में पेश किया गया, चौथे दिन बिल को राज्यसभा में भी मंजूरी मिल गई. जिसके बाद लोकसभा और राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया. 


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संसद के विशष सत्र में क्या कुछ हुआ खास-


स्पेशल सेशन का पहला दिन- 18 सितंबर 
स्पेशल सेशन के पहले दिन पुराने संसद भवन में कार्यवाही शुरू हुई, जिसमें PM मोदी ने 50 मिनट की आखिरी स्पीच दी. इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद किया, साथ ही संसद भन में लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले जैसे-  कैश फॉर वोट, 370 का हटना, वन नेशन वन टैक्स, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10% आरक्षण के बारे में भी बात की. 


स्पेशल सेशन का दूसरा दिन- 19 सितंबर 
स्पेशल सत्र का दूसरा दिन ऐतिहासिक रहा, सबसे पहले पीएम ने पुराने संसद भवन का नाम 'संविधान सदन' रखने का प्रस्ताव रखा जिसका सभी ने स्वागत किया. इसके बाद सभी सांसदों ने एक साथ फोटो सेशन कराया और फिर नई संसद भवन में कार्यवाही की शुरुआत हुई. नए संसद भवन में 128वां संविधान संशोधन बिल यानी नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किया गया.


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स्पेशल सेशन का तीसरा दिन- 20 सितंबर 
स्पेशल सत्र के तीसरे दिन महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक)लोकसभा में पेश किया गया, जिस पर बहस हुई. इसमें सोनिया गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं ने अपनी बात रखते हुए इस बिल का समर्थन किया. बहस के बाद शाम को इस बिल के समर्थन में वोटिंग हुई, बिल के समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े. विपक्ष में वोट करने वाले दोनों सांसद  AIMIM के थे.  


स्पेशल सेशन का चौथा दिन- 21 सितंबर 
स्पेशल सेशन के चौथे दिन महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) को राज्यसभा में पेश किया गया, जहां यह सर्वसम्मति से पास हो गया. वहां मौजूद सभी 214 सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया. लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी ये बिल पास हो गया, अब इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा.