Entertainment: इस एक्ट्रेस को पहचाना क्या? एक सीन की वजह से सिनेमाघर में नहीं देख पाई थीं अपनी ही फिल्म
फिल्मी किस्से और एक्टर-एक्ट्रेस से जुड़ी कंट्रोवर्सी के बारे में आपने कई बार पढ़ा होगा. क्या आपने कभी सुना है कि जिस एक्ट्रेस ने फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई हो, उसी को अपनी फिल्म पर्दे पर नहीं देखने दी गई हो.
तमिलनाडु के ब्राह्मण परिवार में जन्मीं इस एक्ट्रेस जब बहुत छोटी थीं, तभी उनके पिता का देहांत हो गया. उसके बाद उनकी जिम्मेदारी उनकी मां के सिर पर आ गई, जो खुद एक एक्ट्रेस थीं.
अभिनय क्षेत्र की व्यस्तता की वजह से एक्ट्रेस की मां उन्हें ज्यादा समय नहीं दे पाती थीं. एक ऐसा भी दौर आया, जब वह खुद फिल्म क्षेत्र में काम करने उतर गईं.
मासूम चेहरे वाली और बला की खूबसूरत इस एक्ट्रेस की पहली तमिल फिल्म Vennira Aadai यानी सफेद लिबास थी. फिल्म की शूटिंग के वक्त वह नाबालिग थीं. इस फिल्म में उन्होंने एक विधवा का रोल किया था, जिसके पति की मौत शादी वाले दिन ही हो जाती है.
Vennira Aadai के एक गाने 'अम्मा-अम्मा' में एक्ट्रेस का पहनावा सेंसर बोर्ड को रास नहीं आया और उसने फिल्म को ए सर्टिफिकेट थमा दिया यानी ये फिल्म सिर्फ वयस्क ही देख सकते थे.
दरअसल अम्मा-अम्मा सॉन्ग में एक्ट्रेस ने स्लीवलेस ब्लाउज और साड़ी पहन राखी थी और उसे वाटर फॉल के नीचे नहाते हुए दिखाया गया था और उस दौर में फिल्म को ए सर्टिफिकेट देने के लिए इतना ही काफी था.
मजेदार बात यह थी कि फिल्म की शूटिंग और रिलीज के समय एक्ट्रेस नाबालिग थी और अपनी ही फिल्म को सिनेमाहॉल में देखने के लिए एक्ट्रेस को बालिग होने का इंतजार करना पड़ा था.
हम बात कर रहे हैं तमिल एक्ट्रेस जयललिता की, जिन्हें परिवार वाले बचपन में अम्मू कहकर बुलाते थे. उन्होंने करीब दो दशक तक तमिल, कन्नड़ और तेलुगु समेत कई भाषाओं की फिल्मों में काम किया.
जयललिता ने एक मात्र बॉलीवुड फिल्म इज्जत में काम किया था. इस फिल्म में उनके साथ धर्मेंद्र मुख्य भूमिका में थे. 1980 में करियर की आखिरी फिल्म करने के बाद जयललिता ने एमजी रामचंद्रन की तरह राजनीति में आ गईं.
1987 में एमजी रामचंद्रन के निधन के बाद जयललिता ने AIADMK पार्टी की सशक्त नेता के रूप में उभरीं और 2001 से लेकर 2016 तक छह बार तमिलनाडु की सीएम रहीं. लोग उन्हें अम्मा के नाम से पुकारते थे.
1948 में जन्मीं जयललिता ने अभिनय और राजनीति के क्षेत्र में अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज कराने के बाद 5 दिसंबर 2016 को दुनिया को अलविदा कह दिया. करीब साढ़े तीन दशक तक एक लोकप्रिय नेता के रूप में उन्होंने लोगों के दिलों पर राज किया.