Pitru Paksha: क्यों श्राद्ध में कौवों को भोजन कराना है अनिवार्य? जानिए धार्मिक महत्व

Pitru Paksha 2024: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. जो इस वर्ष 17 सितंबर से शुरू हो रहा है. पितृ पक्ष के दौरान, पितरों का तर्पण और दान किया जाता है. श्राद्ध में कौवों को भोजन कराने की परंपरा निभाई जाती है. आइए जानते हैं कि श्राद्ध में कौवों को भोजन कराने का विधान क्यों है और इसका महत्व क्या है

आकांक्षा सिंह Sep 03, 2024, 19:46 PM IST
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Pitru Paksha 2024

पौराणिक कथा के अनुसार, श्री राम जब माता सीता के साथ वनवास में थे तब देवराज इंद्र के पुत्र ने कौवे का रूप धारण कर श्री राम की कुटिया के पास पहुंचकर माता सीता के पैर को अपनी चोंच से घायल कर दिया था

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Pitru Paksha

माता सीता उस समय चुप रहीं, लेकिन श्री राम ने जब यह देखा तो उन्होंने उस कौवे को सबक सिखाने के लिए अपने धनुष से बिना नोक वाला बाण चलाया.

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Shradh

इससे डरकर कौवे रूपी इंद्र के पुत्र ने श्री राम और माता सीता से माफी मांगी. श्री राम ने उसे क्षमा करते हुए वरदान दिया कि अब से कौवों को हर जन्म याद रहेगा, और उनके माध्यम से पितरों को मोक्ष प्राप्ति का रास्ता मिलेगा

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Shri Ram

जब श्री राम का वनवास खत्म हुआ तो उन्होंने अपने पिता दशरथ का श्राद्ध किया था. तब माता सीता ने कौवे की सहायता से तर्पण और श्राद्ध कर्म पूरा किया था. तभी से श्राद्ध के दौरान कौवों को खाना खिलाने की परंपरा चली आ रही है, जिससे पितृ खुश होते हैं

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Crows

इस प्रकार श्राद्ध में कौवों को भोजन कराने की परंपरा का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. जो पितरों को शांति और मुक्ति प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम माना जाता है.

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