PM Kisan Samman Sammelan 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के किसानों को आज दिवाली गिफ्ट दिया है. सोमवार यानी आज पीएम मोदी ने दिल्ली में पीएम किसान सम्मान सम्मेलन का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने इस दौरान 600 पीएम किसान समृद्धि केंद्रों का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने किसानों से जुड़ी कई योजनाओं की शुरुआत की. इस योजना के तहत 13 लाख किसान इन कार्यक्रम से जुड़ेंगे. इसके अलावा आज पीएम ने भारतीय जन उर्वरक परियोजना-एक राष्ट्र एक उर्वरक, कृषि स्टार्टअप कॉन्क्लेव और प्रदर्शनी का शुभारंभ भी किया. केंद्र सरकार की इन योजनाओं से देशभर के किसानों को फायदा होगा. साथ ही पीएम ने आज 8 करोड़ किसानों को पीएम किसान योजना की 12वीं किस्त के रूप में 2-2 हजार रुपये ट्रांसफर किए.  


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वहीं इस मौके पर पीएम मोदी ने किसानों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से किसान घर बैठे ही देश की किसी भी मंडी में अपनी उपज बेच सकते हैं, ये भी e-NAM के माध्यम से किया जा रहा है.


आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग से छोटे किसानों को कैसे लाभ होता है, इसका एक उदाहरण पीएम किसान सम्मान निधि भी है. इस योजना के शुरू होने के बाद से 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए हैं.


बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 1 दिसंबर, 2018 से प्रभावी है. पात्रता के संबंध में लाभार्थियों की पहचान के लिए समय सीमा तिथि 1 फरवरी, 2019 थी. लाभार्थियों की पहचान का पूर्ण दायित्व राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों पर है. योजना के लिए एक विशेष वेब-पोर्टल www.pmkisan.gov.in प्रारंभ किया गया है.
लाभार्थियों को वित्तीय लाभ पीएम-किसान वेब-पोर्टल पर उनके द्वारा तैयार और अपलोड किए गए आंकड़ों के आधार पर जारी किए जाते हैं.


इस योजना के तहत प्रारंभ में पूरे देश में 2 हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि रखने वाले सभी छोटे और सीमांत किसानों के परिवारों को आय सहायता प्रदान की जाती है. बाद में 1 जून 2019 से इसके दायरे को विस्तारित करते हुए देश के सभी खेतीहर किसान परिवारों को इसमें शामिल किया गया. आयकर अदा करने वाले प्रभावशाली पेशेवर किसानों जैसे चिकित्सकों, अभियंताओं, अधिवक्ताओं, सनदी लेखाकारों और प्रति माह कम से कम 10,000 रुपये के पेंशनभोगियों (एमटीएस/चतुर्थ श्रेणी/ समूह डी कर्मचारी को छोड़कर) को इस योजना से बाहर रखा गया.


पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जहां भूमि स्वामित्व के अधिकार समुदाय आधारित हैं, वन निवासी और झारखंड, जिनके पास भूमि के अद्यतन रिकॉर्ड और भूमि हस्तांतरण पर प्रतिबंध नहीं है. नामांकन के लिए किसान को राज्य सरकार द्वारा नामित स्थानीय पटवारी/राजस्व अधिकारी/नोडल अधिकारी (पीएम-किसान) से संपर्क करना होगा. किसान पोर्टल में फारमर्स कॉर्नर के माध्यम से अपना स्व-पंजीकरण भी करा सकते हैं. पोर्टल में फारमर्स कॉर्नर के माध्यम से किसान अपने आधार डेटाबेस कार्ड के अनुसार पीएम-किसान डेटाबेस में अपने नाम में सुधार कर सकते हैं. पोर्टल में फारमर्स कॉर्नर के माध्यम से किसान अपने भुगतान की स्थिति भी जान सकते हैं. लाभार्थियों के ग्राम-वार विवरण भी फारमर्स कॉर्नर पर उपलब्ध हैं. 


कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) को भी शुल्क के भुगतान पर योजना के लिए किसानों के पंजीकरण के लिए अधिकृत किया गया है. फारमर्स कॉर्नर पर दी गई उपरोक्त सुविधाएं सीएससी के माध्यम से भी उपलब्ध हैं.कृषि जनगणना 2015-16 के आधार पर, इस योजना के तहत 14 करोड़ किसानों को फायदा होता है.