Punjab Haryana Highcourt: ई-टेंडरिंग का विरोध करते हुए सरपंच और पंचायत सदस्यों द्वारा रास्ता ब्लॉक करने के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसपर सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कोर्ट में अनुपालना रिपोर्ट पेश की. साथ ही बताया कि कोर्ट के आदेशानुसार पुलिस ने शनिवार को 9 बजे के करीब आंदोलनकारियों के टेंट उखाड़कर रास्ता खाली करवा दिया था. पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया है. सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ पुलिस ने इस मामले में बताया कि पुलिस को जैसे ही आंदोलन कर रहे सरपंच और पंचायत सदस्यों के चंडीगढ़ में आने की सूचना मिली, पुलिस ने उनसे निपटने के लिए तैयारी करते हुए धारा 144 लागू कर दी.


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सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि यह तो एक मुख्य मार्ग का मामला था, पंचकूला प्रशासन को शहर के अन्य मार्गों पर भी अवरोध ना होने के लिए ध्यान रखना चाहिए. साथ ही कोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए हलफनामे में ऐसी जानकारी नहीं है कि उनके पास ऐसी कोई योजना है जिसे लागू करने से भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो.


हाईकोर्ट ने राज्य के गृह सचिव, उपायुक्त व पुलिस कमिश्नर, पंचकूला पुलिस महानिदेशक हरियाणा को आदेश दिया कि वो 15 मार्च को मामले की अगली सुनवाई के पहले अपना जवाब दाखिल करें और अपनी योजना की कोर्ट में जानकारी दें.


क्या है पूरा मामला
ई-टेंडरिंग का विरोध करते हुए आंदोलन कर रहे सरपंच और पंचायत सदस्यों द्वारा रास्ता ब्लॉक करने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा था. पंचकूला निवासी डॉक्टर नीतू बजाज व अन्य ने द्वारा दायर याचिका में चंडीगढ़-पंचकूला सीमा पर ब्लॉक किए गए रास्ते को खोलने का आदेश देने का कोर्ट से आग्रह किया था. शनिवार को कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि रात दस बजे तक ब्लॉक रोड को खाली करवाया जाए. अगर ऐसा नहीं हो पाया तो पंचकूला के डीसी और पुलिस कमिश्नर को कोर्ट में पेश होना होगा. कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में अनुपालना रिपोर्ट भी पेश करने का आदेश दिया था.


याचिका के अनुसार यह रास्ता चंडीगढ़-पंचकूला की लाइफ लाइन है. हजारों लोगों को पंचकूला से चंडीगढ़ व चंडीगढ़ से पंचकूला रोजाना आना-जाना पड़ता है. यह रास्ता ब्लॉक होने से PGI आने वाले, स्कूल बस व अन्य कर्मचारी, जो चंडीगढ़ नौकरी के लिए आते है नहीं आ पा रहे या वैकल्पिक रास्ते से आ रहे हैं. याचिका के अनुसार यह कोई पहली बार नहीं है, जब भी हरियाणा में कोई आंदोलन होता है तो आंदोलनकारी पंचकूला के रास्ते सीएम या विधानसभा का घेराव करने आते हैं. चंडीगढ़ में उनको घुसने नहीं दिया जाता जिस कारण वे हाउसिंग बोर्ड के पास चंडीगढ़-पंचकूला सीमा पर पंचकूला की तरफ से विरोध में बैठ जाते हैं. इसका खामियाजा पंचकूला निवासियों को भुगतना पड़ता है.


Input- Vijay Rana