Rajasthan Elections: 200 सीटों वाले राजस्थान में 199 में फंसा पेंच, जानें क्यों डेढ़ दशक से नहीं हो पा रहे सभी सीटों पर एक साथ चुनाव
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान चुनाव में पिछले डेढ़ दशक से हर बार 199 सीटों पर एक साथ और एक सीट पर देरी से चुनाव होता है. इसकी वजह है किसी न किसी प्रत्याशी की मौत. साल 2013, 2018 के बाद 2023 में कांग्रेस प्रत्याशी की मौत की वजह से इस सीट पर चुनाव देरी से होंगे.
Rajasthan Assembly Election 2023: आज मध्य प्रदेश की 230 और छत्तीसगढ़ की 70 विधानसभा सीटों पर मतदान जारी है. वहीं आगामी 25 नवंबर को राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में 199 सीटों के लिए मतदान किया जाएगा. राजस्थान चुनाव में पिछले डेढ़ दशक से हर बार 199 सीटों पर एक साथ और एक सीट पर देरी से चुनाव होता है. इसकी वजह है किसी न किसी प्रत्याशी की मौत. साल 2013, 2018 के बाद 2023 में कांग्रेस प्रत्याशी की मौत की वजह से इस सीट पर चुनाव देरी से होंगे. वहीं हर बार के चुनाव में यहां सरकार भी बदलने की परंपरा रही है.
कांग्रेस प्रत्याशी की मौत
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के करणपुर से विधायक और मौजूदा कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर का हाल ही में निधन हो गया, जिसकी वजह से अब इस सीट पर देरी से मतदान होंगे.
किडनी की बीमारी से हुई मौत
कांग्रेस विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर लंबे समय से किडनी की बीमारी से परेशान थे, जिसकी वजह से कुछ दिन पहले उन्हें इलाज के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था. 15 नवंबर को उनकी मौत की खबर सामने आई.
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बेटे को मिल सकती है टिकट
गुरमीत सिंह कुन्नर करणपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवार थे. साल 2018 के चुनाव में उन्होंने लंबे मार्जिन से जीत हासिल की थी, वहीं इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी दूसरे और भाजपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे. यही वजह है कि एक बार फिर कांग्रेस ने गुरमीत सिंह कुन्नर पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट दी थी. हालांकि, बीमारी की वजह से वो बेटे रूपेंद्र सिंह कुन्नर उर्फ रूबी कुन्नर को टिकट देने की मांग कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने बेटे को टिकट देने से इनकार कर दिया. अब गुरमीत सिंह कुन्नर की मौत के बाद इस बात के कयास भी लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस उनके बेटे को टिकट दे सकती है.
साल 2013 और 2018 में भी प्रत्याशी की मौत
दरअसल, राजस्थान विधानसभा चुनाव में यो कोई पहली बार नहीं है, जब एक साथ महज 199 सीटों पर मतदान होंगे. इससे पहले साल 2013 में बसपा उम्मीदवार जगदीश मेघवाल का निधन हो गया था, जिसकी वजह से इस सीट पर देरी से चुनाव हुए. वहीं साल 2018 विधानसभा चुनाव में रामगढ़ से बसपा प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह के निधन की वजह से 199 सीटों पर ही मतदान हो पाए. अब एक बार फिर से कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन की वजह से 199 सीटों पर ही चुनाव होंगे.