Haryana News: हरियाणा लोकसभा चुनाव के लिए 25 मई को वोटिंग होनी है, जिससे पहले एक बार फिर राम रहीम का नाम चर्चा में है. रेप और हत्या जैसे मामलों का दोषी राम रहीम रोहतक के सुनारिया जेल में सजा काट रहा है, जिसने चुनाव से पहले पैरोल और फरलो के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई है. 


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41 दिनों की रिहाई की मांग
हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स (टेम्पररी रिलीज) एक्ट 2022 के तहत पात्र दोषियों को हर कैलेंडर वर्ष में 70 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो देने का अधिकार दिया गया है. राम रहीम ने इस कानून का हवाला देते हुए हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि वह इस साल 20 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो सहित कुल 41 दिन के लिए रिहाई का पात्र है. 


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क्या है पूरा मामला
रोहतक की सुनारिया जेल में बंद बाबा राम रहीम को लगातार मिल रही पैरोल और फरलो के विरोध में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर  की गई थी. इस मामले में सुनवाई करते हुए HC ने 29 फरवरी को राज्य सरकार को निर्देश जारी किया था, जिसमें भविष्य में राम रहीम को पैरोल और फरलो देने पर रोक लगा दी गई थी. कोर्ट ने इसके लिए अदालत की अनुमति को अनिवार्य बताया, जबकि राम रहीम ने रिकॉलिंग एप्लीकेशन के जरिए कहा है कि उसे दूसरे कैदियों की तरह ही पैरोल और फरलो दी जा रही है. राम रहीम की ओर से ये भी कहा गया कि उसकी तरह के अन्य दोषियों को साल में 70 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो दी जाती है. उसे भी इन्हीं नियमों के तहत यह अधिकार है. इन्हीं अधिकारों का हवाला देते राम रहीम ने HC से पैरोल और फरलो के लिए अनुमति देने की मांग की है. 


सरकार ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
राम रहीम को पैरोल और फरलो दिए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को भी जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि वह यह जानकारी मुहैया करवाएं कि सरकार ने पिछले 1 साल में राम रहीम जैसे कितने कैदियों को पैरोल या फरलो की अर्जी कानून का हवाला देकर खारिज की है.


Input- Vijay Rana